कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद हो रहे उपचुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है।
कुमारस्वामी ने कहा है कि बीजेपी ने चुनाव से पूर्व ही कई विधायकों को खरीद लिया है और अब उनसे जानवरों की तरह व्यवहार कर रही है।
शनिवार को अठानी में मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही प्रदेश के कई विधायकों को खरीद लिया है और अब उनसे जानवरों की तरह व्यवहार कर रही है।
कुमारस्वामी ने कहा कि अगर चुनाव में कुछ गलत होता है तो एहतियात के लिए बीजेपी ने ऐसा किया है और वह कुछ और विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश कर रही है। देखिए, 9 दिसंबर के बाद क्या होता है।
बता दें कि हाल ही में बीजेपी की ओर से भी यह कहा गया था कि राज्य विधानसभा के कई अन्य विधायकों ने भी बीजेपी के साथ आने की बात कही है। कर्नाटक में बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी के संयोजक अरविंद लिंबावली ने 25 नवंबर को दावा किया कि जेडीएस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जताई है।
लिंबावली ने कहा था कि जेडीएस नेताओं के बयानों से संकेत मिले हैं कि राज्य में उपचुनावों के दौरान अगर बीजेपी सरकार बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा पाने में असफल रहती है, तो इस स्थिति में वे सरकार को समर्थन देना चाहते हैं।
कर्नाटक में हो रहे उपचुनाव के परिणाम नौ दिसंबर को आएंगे। जिन 15 क्षेत्रों में विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर जेडीएस काबिज थे। अयोग्य ठहराए गए विधायकों की बगावत के कारण कुमारस्वामी के नेतृत्व में दोनों दलों की गठबंधन सरकार गिर गई थी।
कुमारस्वामी की सरकार के गिरने के बाद सत्ता में आयी बीजेपी को अपना बहुमत बनाए रखने के लिए उपचुनाव में 15 में से कम से कम 6 सीटें जीतने की जरूरत है।