त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार के कारण उत्तराखंड में आय व व्यय का अनुपात दिनोदिन बढ़ता जा रहा हैं और यही कारण हैं की सरकार ने पिछले तीन पखवाड़ो में अबतक 800 करोड़ रुपयों का ऋण खुले बाज़ार से ले लिया हैं|
त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अदूरदर्शिता के कारण राज्य में आय व व्यय का अनुपात गंभीर रूप से बढ़ता ही जा रहा हैं| क्योकि मुख्यमंत्री उत्तराखंड ने आय के साधन बढाने व खर्चो पर नियंत्रण करने के बजाय राज्य पर अपनी कुर्सी व साख बचाने के लिए मनमाने तरीके से से किया हैं| चाहे माननीयो के वेतन का मामला हो मंत्रियो, अधिकारियो के लिए बड़ी व महंगी गाडियों की खरीद हो या राज्य से बाहर रहने के लिए पांच सितारा होटलों की व्यवस्था|
मुख्यमत्री रावत को राज्य की हालत को देखते हुए दूरदर्शिता व संयम से काम लेना चाहिए था और राज्य की की वित्तीय स्थिति को सुधारने के उपाय करने चाहिए थे जैसे की दिल्ली में पांच सितारा होटलों से राज्य का कोई भला नहीं होने वाला और यंही अगर राज्य सरकार दिल्ली के उत्तराखंड भवन को उच्चीकृत करती तो इससे राज्य की आय व व्यवस्था पर जरूर असर पड़ता| आधुनिक सुविधाओ के कारण लोग उत्तराखंड भवन में आते इससे इसी आय भी बढती और राज्य का बोझ भी कम होता|
राज्य सरकार के हाल ही के तुगलकी फैसलो के कारण उत्तराखंड के स्वास्थ विभाग ने अपना सारा का सारा विज्ञापन बजट गूगल जैसी बाहरी कंपनी को दे दिया| सरकार के इस फैसले ने अपनी ही जड़े खोदने का काम किया हैं क्योकि राज्य की ज्यादातर आबादी अभी भी गावो में बसती हैं और उनमे से अधिकतर लोग सूचनाये लोकल अखबारों व समाचार पोर्टल के माध्यम से ही प्राप्त करते हैं जिसे की सरकार ने अपने फैसले से हाशिये पर डाल दिया हैं|
सरकार द्वारा गूगल व अन्य बाहरी कंपनियों को की जारी धनवर्षा के कारण अब ना तो लोगो तक सूचनाये पहुच पा रही हैं और ना ही राज्य को इससे आमदनी हो रही हैं| अगर यही पैसा सरकार स्थानीय समाचार पत्रों व ऑनलाइन पोर्टल को देती तो इससे सरकार को चोगुना फायदा होता जैसे की सूचना का लोगो तक लगातार पहुचना, समाचार पत्रों से सेवा कर मिलना व अप्रत्यक्ष करो से राज्य की आय बढ़ना|
सरकार की इसी गड़बड़ियो को देखते हुए उत्तरखंड के ऑनलाइन व ऑफलाइन पत्रकारों ने मिलकर उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन का निर्माण किया हैं जिसमे सर्वसम्मति से पर्वतजन के श्री शिव प्रसाद सेमवाल को अध्यक्ष व श्री संजीव पन्त को महासचिव बनाया गया हैं| उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन ने तुरंत ही प्रभावी ढंग से कार्यवाही करते हुए स्वास्थ सचिव व महानिदेशक स्वास्थ को सीधे गूगल को विज्ञापनों देने व राज्य को हो रही हानि के विषय में अवगत कराया और इसी कोशिशो का परिणाम हैं की सूचना विभाग ने राज्य के सभी समाचार पोर्टलो से विज्ञापन की निविदाये मंगवाई हैं|