जिस सोच व विकास के लिए लोगो ने उत्तराखंड के लिए लड़ाई लड़ी थी आज वो कंही राजनितिक महत्वकांक्षा के नीचे कुचल सा दिया गया हैं| लोगो ने उत्तराखंड के लिए लड़ा ताकि अपने लोग जब राज्य पर राज करेंगे तो विकास को एक नई दिशा व गति मिलेगी व पलायन रुकेगा| आज जब उत्तराखंड को देखते हैं तो लगता हैं की विकास की जगह विनाश ने ले ली और लूट की सोच ने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार के चरम पर पंहुचा दिया हैं| पार्टी कोई भी हो सब ने जमकर लूटा हैं उत्तराखंड को चाहे खनन का मामला हो, चाहे मदिरा का, चाहे दवा खरीद का या कोई भी मुद्दा हो, हर मुद्दे में लूट हुई हैं| भारत में उत्तराखंड ही एक ऐसा राज्य हैं जहा जनसँख्या दर नकारात्मक हैं और अगर सब अगर सब को आधार से जोड़ दिया जाएगा तो आश्चर्यजनक रूप से यह दर और भी घट जायेगी|
ताजा मामला हल्द्वानी तहसील के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गाव हिम्मतपुर नकायल हैं जो की लालकुआ विधानसभा के अंतर्गत आता हैं| यह गाव कहने को तो आजादी से भी पुराना हैं व इसकी दूरी हल्द्वानी तहसील से 8 किलोमीटर व विधानसभा क्षेत्र से 23 किलोमीटर के आसपास पड़ती हैं| यह गाव दो पहाड़ी नालो के बीच में हैं जिसे की पाडे व सूखी नदी के नाम से जाना जाता है| अक्सर जब भी पहाड़ो में भारी बारिश होती हैं तो इस गाव का संपर्क हल्द्वानी तहसील व शहर से कई कई दिनों तक कट जाता हैं| इसी विभीषिका को देखते हुए 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने इस गाव के लिए रोड व पुल निर्माण की घोषणा की थी| आज आज इस बात को भी 4 साल से ज्यादा हो चुके हैं और इस रोड निर्माण की फाइल आज भी कागजो में ही देहरादून व नैनीताल के बीच दौड़ रही हैं|
दो महीने पहले इस गाव के नौजवानों द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए एक आमरण अनशन भी किये गया था जिसे प्रशासन के तीन माह के आश्वासन के बाद तोड़ दिया गया की जन्हा 4 साल इंतज़ार कर लिए वंहा 3 महीने और भी सही लेकिन आज जब 2 माह से अधिक बीत चुके हैं| प्रशासन व स्थानीय विधायक भी समस्या को अनदेखा कर रहे हैं तो लोग को मजबूरन सरकार के सामने करो या मरो की स्थिति में आना पड़ा व सभी ने मिलकर घोषणा की की यदि सरकार 15 अगस्त तक काम शुरू नहीं कराती हैं तो वह सभी हलवानी तहसील में 15 अगस्त 2017 को सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे| आत्मदाह कोई सुखद एहसास नहीं हैं और यह दर्शाता हैं की किस प्रकार प्रशासनिक निकम्मापन लोगो को
हतोसाहित कर रहा हैं व लोग इस प्रकार के आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हैं| अगर सरकार समय पर नहीं चेती तो इस ग्राम में कभी भी अप्रिय घटना हो सकती हैं| इसी मुद्दे को लेकर स्थानीय लोग प्रशासन को कई बार लिख चुके हैं व 13 अगस्त को सुबह 11 बजे इन लोगो ने आगे की रणनीति बनाने के लिए हल्द्वानी के बुध पार्क में एक सभा का आयोजन किया हैं ताकि आगे की रणनीति व रूपरेखा तैयार की जा सके|