पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों की सभी मांगों को मानते हुए उनसे फिर से काम शुरू करने की अपील की है। उन्होंने हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में जल्द ही समाधान पर पहुंचा जाएगा। ममता ने डॉक्टरों को बैठक के लिए बुलाई थी, लेकिन डॉक्टरों ने बैठक में जाने से इनकार कर दिया। ममता ने कहा कि डॉक्टरों को संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए।
ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘डॉक्टरों के साथ मारपीट दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी सरकार मामला सुलझाने का हर संभव प्रयास कर रही है। हमने डॉक्टरों से बात करने की कोशिश की, लेकिन वादे के बावजूद डॉक्टर बैठक में नहीं आए। इस हड़ताल की वजह से गरीबों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कम से कम अस्पताल में इमर्जेंसी सेवाएं जारी रखनी चाहिए। हम राज्य में एस्मा ऐक्ट लागू नहीं करना चाहते हैं।’
ममता ने कहा, ‘हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं। मैंने कल और आज अपने मंत्रियों, चीफ सेक्रटरी को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था, उन्होंने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक संस्था को सम्मान देना होगा। हमने एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। हम किसी तरह का बल प्रयोग नहीं करेंगे। स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह जारी नहीं रह सकतीं। मैं कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने जा रही हूं।’
ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में मुलाकात के लिए बुलाया था, लेकिन डॉक्टरों ने ममता के बुलावे को अस्वीकार कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि वे इस मुलाकात के संबंध में बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसके बजाय डॉक्टरों ने सीएम को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल आकर मुद्दे को सुलझाने के लिए कहा है।