आपके लिए यह जानना जरूरी हैं की आधार कार्ड अब बैंक व मोबाइल की सिम आदि के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं| यह आपकी इच्छा हैं की आप आधार नंबर उसके साथ शेयर करे या नहीं यदि आप किसी दुकान पर सिम कार्ड लेने के लिए जाते हैं और दुकानदार आपसे आपका आधार कार्ड नंबर मांगता है तो आप उसे इसके लिए साफ मना कर सकते हैं, क्योंकि आधार तथा अन्य कानूनों में (संशोधन) के विधेयक, 2019’ को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक के मुताबिक बैंक या सिम कार्ड देने वाला दुकानदार आपको आधार नंबर देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
नया विधेयक आधार कानून 2016 तथा अन्य कानून में संशोधन के रूप में होगा और यह मार्च 2019 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। इस संशोधन विधेयक को संसद के 17 जून से शुरू सत्र में पेश किया जाएगा। इस संशोधन में आधार के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर दिवानी जुर्माना 1 करोड़ रुपये तक लगाने का प्रस्ताव है। साथ ही यदि नियमों का पालन नहीं होता है तो हर दिन 10 लाख रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
दरअसल नए संशोधन के मुताबिक आधार का अनाधिकृत इस्तेमाल दंडनीय है और इसके लिए 10 हजार रुपये तक का जुर्माना और साथ में तीन साल की कैद भी हो सकती है। नए विधेयक में साफ-साफ कहा गया है कि यदि संसद द्वारा किसी कानून की बाध्यता ना हो तो किसी व्यक्ति को अपनी पहचान साबित करने के लिए आधार नंबर दिखाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
वहीं यदि कोई अनाधिकृत रूप से सेंट्रल आइडेन्टिटीज डाटा रिपोजिटीरी तक पहुंचता है और लोगों के आधार डाटा से छेड़छाड़ करता है तो उसे तीन साल से लेकर दस साल तक की जेल हो सकती है। वहीं नए संशोधन के मुताबिक बैंक में खाता खुलवाने के दौरान अपनी पहचान को साबित करने के लिए आधार का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन यह स्वैच्छिक होगा। ऐसे में कोई बैंक आपसे जबरदस्ती आधार नंबर नहीं मांग सकता है।
कुल मिलाकर आसान शब्दों में आधार तथा अन्य कानूनों में (संशोधन) के विधेयक, 2019 के मुताबिक अब आप नया मोबाइल नंबर लेने या बैंक में खाता खुलवाने के लिए अपनी इच्छा से अपना आधार नंबर दे सकते हैं। बैंक या कोई दुकानदार आपको इसके लिए मजबूर नहीं कर सकता।