इस साल के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पाने वाले अभिजीत बनर्जी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल बहुचर्चित ‘NYAY’ योजना की रूपरेखा तय की थी। बनर्जी को नोबेल मिलने के ऐलान के बाद कांग्रेस ने भी उन्हें बधाई दी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो बनर्जी को बधाई के बहाने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर तंज कसते हुए उन्हें गरीबी बढ़ाने वाला ‘मोदीनॉमिक्स’ करार दिया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी बनर्जी को यह कहकर बधाई दी है कि उनके बनाए मॉडल से प्रेरित होकर उनकी सरकार ने राजधानी के स्कूलों की दशा बदली है।
कांग्रेस ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘नोबेल पुरस्कार 2019 जीतने के लिए अभिजीत बनर्जी को बधाई। गरीबी दूर करने के लिए किए गए उनके अविश्वसनीय काम पर देश को गर्व है। कांग्रेस पार्टी द्वारा पेश किए गए पथप्रवर्तक न्याय कार्यक्रम के महत्वूर्ण सलाहकार थे यह प्रख्यात अर्थशास्त्री।’
दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना (NYAY) को लागू करने का वादा किया था। NYAY के तहत देश के सबसे गरीब 5 करोड़ परिवारों को हर महीने 6,000 रुपये यानी सालाना 72,000 रुपये की आर्थिक मदद का वादा किया गया था। NYAY के तहत 25 करोड़ आबादी कवर होती।
कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों की तरह अभिजीत बनर्जी भी नोटबंदी के कटु आलोचक हैं। 2016 में मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था। बनर्जी के मुताबिक नोटबंदी से शुरुआत में जिस नुकसान का अंदाजा लगाया गया था, असल में यह उससे बहुत ज्यादा होगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की नम्रता काला के साथ संयुक्त तौर पर लिखे गए पेपर में उन्होंने नोटबंदी की आलोचना की थी। संयुक्त रूप से लिखे पेपर में उन्होंने कहा था कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान असंगठित क्षेत्र को होगा जहां भारतीय श्रम क्षेत्र में 85 प्रतिशत या उससे ज्यादा लोग रोजगार पाते हैं।