बरसात का सीजन शुरू भी नहीं हुआ हैं लेकिन उत्तराखंड जल संस्थान अभी से हाफ्ने लगा हैं| उत्तराखंड जल संस्थान के शीशमहल फ़िल्टर प्लांट में पूरे हल्द्वानी व काठगोदाम में वितरित होने वाले पानी का शोधन होता हैं इसके लिए उत्तराखंड जल संस्थान खूब पैसा भी खर्च करता हैं लेकिन भ्रष्टाचार ने कुछ कर्मचारियों को अंधा बना डाला हैं जिसके कारण वो चन्द सिक्को के लिए लोगो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं|
जल संस्थान के शीशमहल प्लांट में जल को शोधन करने के लिए जो फिटकरी इस बार आई हैं वो दोयम दर्जे की हैं जिसके कारण काठगोदाम से लेकर तीनपानी तक पूरी तरह गन्दा व दूषित पानी आ रहा हैं सब कर्मचारी जानते हैं की इसका कारण क्या हैं लेकिन सब अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में चुप हैं और यह चुप्पी किसी दिन बहुत बड़ी दुर्घटना का कारण बनेगी|
जल संस्थान के दोयम दर्जे के रासायनिक प्रयोग से लोगो के स्वास्थ पर खतरा बढ़ गया हैं और जरूरी नहीं हैं की यह रसायन कोई बुरा नहीं असर नहीं डालेगा व इस प्रकार की लापरवाही कभी भी किसी महामारी का कारण बन सकती है| इस विषय में जनपक्ष द्वारा सभी उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है ताकि लोगो के स्वास्थ के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोका जा सके|
यही आपके यंहा भी गन्दा पानी आ रहा हैं तो कृपया उम्बालकर पिये व जल संस्थान या जनपक्ष के सहायता केंद्र पर शिकायत व्हात्सप्प करे