गत 1 अप्रेल से उर्जा आयोग ने UPCL को प्रदेश में नयी दरो से बिलों को लेने की छूट दे दी हैं जिसके अंतर्गत प्रदेश में बिजली के दाम निम्मानुसार हो गए है|
किस श्रेणी में कितनी बढ़ोतरी (रुपये प्रति यूनिट)
श्रेणी- पहले दर नई दर प्रतिशत बढ़ोतरी
घरेलू- 4.98 5.33 6.98
अघरेलू- 6.95 7.74 11.41
गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी- 6.74 7.70 14.16
प्राइवेट ट्यूबवेल 2.20 2.37 7.61
एलटी इंडस्ट्रीज- 6.47 7.20 11.21
एचटी इंडस्ट्रीज- 6.54- 7.26 11.05
मिक्स लोड- 6.01 6.95 15.54
रेलवे- 5.64 6.89 22.12
ईवी चार्जिंग स्टेशन- 5.50 6.25 13.64
आइये हम आपको बताते हैं की प्रदेश में असल में हो क्या रहा हैं क्योकि राज्य सरकार हमारी आँखों में धूल झोक रही हैं वो भी गलत आंकड़ो को प्रदर्शित करके क्योकि मार्च 2023 तक AT&C loss 17 प्रतिशत था व ACS/ARR घाटा 12 पैसे का था जो अप्रैल आते आते लगभग 25% तक बढ़ गया है और ACS/ARR घाटा 73 पैसे हो गया हैं|
क्या आपको नहीं लगता की यह घाटा ऊर्जा आयोग द्वारा मूल्यों को बढाने के लिए बढ़ाया गया हैं नहीं तो कुछ ही दिनों में AT&C घाटा 25 प्रतिशत व प्रति यूनिट गैप 12 पैसे से 73 पैसे कैसे हो जाएगा?
सरकार व UPCL ने ऊर्जा आयोग के लिए इन आकड़ो में हेर फेर करी हैं जिससे की ऊर्जा आयोग को मूल्य बढाने का आधार मिल जाए व लोगो को भी लगे की ऊर्जा आयोग ने 73 पैसे ना बढ़ाकर हमारे हक़ में फैसला लिया हैं|
सरकार के इस फैसले ने निकम्मे व भ्रष्ट कर्मचारियों पर लगाम लगाने की बजाय उन्हें खुल्ली छूट ही दी हैं व अगर यही हालत रहे तो यह घाटा दिनों दिन बढेगा ही क्योकि सरकार खुद नहीं चाहती की चोरी पर लगाम लगे क्योकि खुद मुख्यमंत्री विधायक होने के दौरान कई बार बिजली चोरो की पैरवी करते नज़र आये हैं|
इस तरह बढ़ी है उत्तराखंड में घरेलु बिजली की दरे
केटेगरी अप्रैल 22 अप्रैल 23 बढ़ी दरे चोरी 22 चोरी 23
100 यूनिट 2.90 3.15 25 पैसा 0.72 पैसा 0.78 पैसा
101 से 200 यूनिट 4.20 4.60 40 पैसा 1.05 पैसा 1.15 पैसा
201 से 400 यूनिट 5.80 6.30 50 पैसा 1.45 पैसा 1.57 पैसा
401 से ऊपर 6.55 6.95 45 पैसा 1.63 पैसा 1.73 पैसा
उत्तराखंड में यदि धृतराष्ट्रों की सरकारे नहीं चल रही होती तो उन्हें नज़र आ जाता की तेल जनता का नहीं अधिकारियो का निकलना चाहिए क्योकि प्रदेश में AT&C loss 25 प्रतिशत का हैं व वह हमारे 12 पैसे के प्रति यूनिट गैप से कंही ज्यादा था जिसे की सरकार व उर्जा आयोग ने उसे पूरी तरह नज़रअंदाज कर दिया हैं क्योकि बिजली कंपनियों से सरकारो को अवैध रूप से करोडो रूपये मिलते हैं|
ऐसा नहीं हैं की सिर्फ चोरी ही लोगो का तेल निकाल रही हैं सरकारी निकम्मापंती के कारण 20 मेगावाट बिजली अभी तक ग्रिड तक नहीं पहुच पायी हैं क्योकि समय पर टेंडर जारी ना होने के कारण ग्रिड तक बिजली लाने के लिए कोई उपाय ही नहीं किया जा सका है|
उत्तराखंड में सरकारे ऐसे काम करती हैं जैसे की लोग चरस दबाये बैठे हैं और यही कारण हैं की उत्तराखंड के ज्यादातर काम नैनीताल उच्च न्यायालय से हो रहे हैं क्योकि नेताओ ने जितने भी आदेश निकाले हैं वो सारे भ्रष्ट आचरण व लोगो को लाभ पहुचाने के अंतर्गत आते हैं|
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Uday, A govt of India Initiative