लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिट पोल में एनडीए को मिल रहे पूर्ण बहुमत के बाद ही मध्यप्रदेश और कर्नाटक की सियासत में उठापटक का दौर शुरू हो गया है। 23 मई को आने वाले नतीजों में माना जा रहा है कि एनडीए की सरकार बनने जा रही है। नतीजों के ठीक पहले ही मध्यप्रदेश और कर्नाटक की गठबंधन सरकारों पर तलवारें लटकने लगी हैं।
कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर और कांग्रेस की सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। बदलते सियासी समीकरण के बीच राज्य के सीएम एचडी कुमारस्वामी की दिल्ली की यात्रा रद्द हो गई। वहीं, कांग्रेस नेता रोशन बेग ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी के.सी वेणुगोपाल को भैंसा कह डाला। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे तो राहुल गांधी पर तरस आता है। एग्जिट पोल के नतीजों पर कहा कि ये वेणुगोपाल और सिद्धारमैया के घंमड का फ्लॉप शो है।
बेग ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया की आलोचना करते हुए् कहा कि वो खुद नहीं चाहते हैं कि सरकार ज्यादा दिन चले। वो कुमारस्वामी को सीएम की कुर्सी पर नहीं देखना चाहते हैं। कुमारस्वामी को काम तक करने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी ईसाई को कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं दी, जबकि मुस्लिम को केवल एक सीट कर्नाटक में मिली है। मैं बेहद ही आहत हूं कि हमारा इस्तेमाल किया गया है।
225 विधानसभा वाले कर्नाटक में भाजपा के पास 104 सीट हैं, जबकि जेडीएस के पास 37 और कांग्रेस के पास 78 सीट हैं। एक बसपा का विधायक भी कांग्रेस जेडीएस के सरकार के साथ है। बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होती है।
मध्य प्रदेश सरकार को भी खतरा
एग्जिट पोल नतीजों के बाद मध्यप्रदेश में भी सियासी मिजाज बदला सा है। यहां कमलनाथ सरकार पर संकट नजर आने लगा है। भाजपा की ओर से राज्यपाल को चिट्ठी लिखे जाने के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। अब सीएम कमलनाथ बहुमत साबित करने की बात कहने लगे हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों के समर्थन से चल रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पांच सीटों से बहुमत से दूर रह गई थी। राज्य में 231 विधानसभा की सीटें हैं, बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है। कांग्रेस के पास 113 विधायक ही हैं, जबकि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा के विधायक ने कांग्रेस की सरकार को समर्थन दिया है।
भाजपा मध्य प्रदेश और कर्नाटक दोनों ही राज्योंं में सत्ता के करीब जाकर भी सरकार बनाने से चूक गई थी। अब एग्जिट पोल के बाद दोनों ही राज्यों में विधायकों के पाला बदलने की हवा तेज हो गई है। भाजपा दोनों ही राज्यों पर करीबी नजर बनाए हुए है। माना जा रहा है कि आम चुनाव 2019 के नतीजे भाजपा के पक्ष में जाते हैं तो दोनों ही राज्यों में दल-बदल की संभावनाएं तेज हो जाएंगी।