GRAP के तहत एनसीआर के शहरों में डीजल जेनरेटर पर रोक लागू रहेगी या नहीं, यह शुक्रवार को साफ हो जाएगा। ईपीसीए की बैठक में हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली के चीफ सेकेट्री के साथ एक मीटिंग होगी। GRAP के तहत इस बार दिल्ली के साथ-साथ 15 अक्टूबर से एनसीआर के शहरी क्षेत्रों में भी डीजल जेनरेटर पर रोक लगा दी गई है, लेकिन इसके बाद एनसीआर की तरफ से जेनरेटरों को चलने देने की डिमांड की जा रही है।
एनसीआर में डीजल जेनरेटरों पर अभी तक कोई एक्शन भी नहीं लिया गया है। इसके पीछे संबंधित अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि कई कॉलोनियों, सोसायटियों, इंडस्ट्रियों, मॉल में तो बिजली का नेटवर्क ही नहीं है। वह 24 घंटे जेनरेटरों से ही बिजली ले रहे हैं। वहीं, कुछ जगहों से अघोषित कटौती की समस्या की भी परेशानी की बात ईपीसीए को मिली है। ऐसे में ये राज्य लगातार ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल से इस नियम में छूट की मांग कर रहे हैं।
पिछले दो सालों से GRAP के तहत दिल्ली में डीजल जेनरेटरों पर रोक लगा दी जाती है, लेकिन एनसीआर में यह रोक लागू नहीं हो पायी थी। ईपीसीए के मुताबिक जब तक एनसीआर में यह रोक नहीं लगेगी इस कदम का कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। इस बार दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ को इन शहरों में शामिल किया गया है।
दीगर हैं की नोयडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ इत्यादि में फेक्टारिया व कार्यालय है और इन क्षेत्रो में बिजली की मांग उसकी पूर्ती से ज्यादा हैं व अघोषित बिजली की कटोती के कारण व्यापार धंधे चोपट हो सकते हैं व इससे लोग अपने व्यापार को चलाने के लिए अन्य जगहों पर चले जायेंगे जिससे की दिल्ली एनसीआर में रोजगार की विकट समस्या पैदा हो जायेगी|