Rajpak Singh Rawat arrested on comments on CM Rawat

उत्तराखंड में हदे लांघती रावत सरकार

Rajpak Singh Rawat arrested on comments on CM Rawat
Rajpak Singh Rawat arrested on comments on CM Rawat

त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में व्यवस्था बेलगाम हो गयी हैं व मुख्यमंत्री रावत राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की बढती लोकप्रियता को हजम नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण वो अपने काम काज छोड़ हर उस आवाज को दबाने में लगे हैं जो उन्हें अक्षम व अकुशल बताती हैं|

जन्हा हर राज्य सरकारे अपनी आमदनी बढाने में लगी हुई हैं वही त्रिवेन्द्र सिंह सरकार लोन लेकर अपने लिए दिल्ली में पांच सितारा ठोर ढूंढ रही हैं और आने जाने के लिए विलासिता से परिपूर्ण वाहन अपने अधिकारियों, मंत्रियों व विधायको के लिए खरीद रहे हैं| इन्हें उत्तराखंड की हालत पर ज़रा भी मलाल नहीं हैं वो तो केवल और केवल अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में विधायको व मंत्रियो को खुश करने में लगे हुए हैं|

जानने वाली बात यह हैं की त्रिवेन्द्र सिंह रावत संघ से आये नेता हैं जो कुटियाओ में रहते थे और साधारण बसों में सफ़र करते थे आज वातानुकूलित कमरों और अनगिनत कारो के होने के बावजूद इन्हें और भी विलासितापूर्ण सुविधाए चाहिए| जबकि राज्य हर माह 250 करोड़ रुपये का ऋण लेकर चलाया जा रहा हैं|

देश भर में राज्य सरकारों ने CSR फण्ड को अपनी और खीचने के लिए हर विभाग को टारगेट दे रखे हैं ताकि राज्य सरकारो के खर्चे कम हो सके जबकि उत्तराखंड सरकार ने आते ही इसका एक विभाग खोलकर इस अवसर को भी अच्छे से पट्ट कर डाला| आज राज्य की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ व शिक्षा में करोडो रूपयो की जरूरत हैं ओर थोड़ी सी कोशिश करके इसे राज्य में लाया जा सकता था।

राज्य में बढते असंतोष की आग त्रिवेन्द्र रावत सरकार के निकम्मेपन को दर्शाती हैं जो राज्य की व्यवस्था को छोड़ केवल और केवल केंद्रीय मंत्री व अधिकारियो की चमचागिरी में ज्यादा नज़र आती हैं| त्रिवेन्द्र सिंह रावत जो की खुद स्वास्थ महकमे के मुखिया हैं उनकी अदूरदर्शिता के कारण हाशिये पर हैं कंही उपकरण हैं तो उसे चलाने वाला नहीं हैं और कंही तकनीशियन हैं तो उपकरण नहीं हैं? हद तो यह हैं की सेकड़ो चिकित्सक राज्य की कुव्यवस्था को देखकर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं और जो हैं वो पहाड़ चढ़ना नहीं चाहते हैं|

आज उत्तराखंड की हालत यह हैं की मुख्यमंत्री अपने विरोध को दबाने के लिए कार्यकर्ताओ का सहारा ले रहे हैं जैसा की शनिवार रात को उत्तरकाशी के पुरोला के रहने वाले श्री राजपाल सिंह रावत जो की राज्य आन्दोलनकारी के पुत्र हैं उन्हें मुख्यमंत्री पर टिपण्णी करने के लिए क्षेत्रीय भाजपा मंडल अध्यक्ष श्री नोटियाल के द्वारा पुलिस को शिकायत कराकर गिरफ्तार करवा दिया|

पुलिस द्वारा राजपाल रावत को भारतीय दंड संहिता की धारा 153क व 504 में शनिवार देर रात जानबूझकर हिरासत में लिया गया ताकि सोमवार तक उसकी जमानत ना हो सके और उसे संविधान में रहकर प्रताड़ित किया जा सके| यह सभी अपराध गेर-संग्ये अपराध थे और उसमे गिरफ्तारी से बचा जा सकता था|

रावत सरकार ने सच में अंधेरगर्दी मचा रखी हैं क्योकि विधायक चेम्पियन जिन्होंने खुल्ले आम कहा था की उत्तराखंड उनके #### पर हैं उन्होंने गलत नहीं कहा था तभी तो इतने दिन होने के बाद उत्तराखंड सरकार, भाजपा व पुलिस के कान में जू तक नहीं रेगी जबकि चेम्पियन के खिलाफ देहरादून समेत राज्य के कई थानो में शिकायत भी दी जा चुकी हैं और जगह जगह उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं| फिर भी वो आजाद हैं और राजपाल रावत को केवल और केवल त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर टिपण्णी करने पर गिरफ्तार कर लिया गया|

अगर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर टिपण्णी करने पर जेल हो सकती हैं तो उत्तराखंड जो हमारी मात्रभूमि हैं उसे उपशब्द कहने पर पर तो आजीवन कारावास हो जानी चाहिए थी| लेकिन त्रिवेन्द्र सिंह रावत केवल और केवल निरीह व आम जन पर ही अपनी ताकत आजमाएंगे| सही कहाँ हैं किसी ने की गरीब की बीबी ही गाँव की भोजाई होती हैं|

कुछ भी हो त्रिवेन्द्र सिंह रावत चेम्पियन के खिलाफ कुछ नहीं करेंगे क्योकि एक एक विधायक उनके लिए कीमती हैं वर्ना तो मुखिया परिवर्तन की सुगबुगाहट खुलकर सामने आ जाएगी और राज्य की बागडोर किसी अन्य के हाथ में चली जायेगी|

हम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के विरोधी नहीं हैं उन्होंने  उत्तराखंड में शराब की फेक्टरिया खोली हम उसका स्वागत करते हैं क्योकि राज्य के लिए शराब की दूकान खुलवाने से बेहतर फेक्टरी खुलवाना हैं जो राज्य को आय भी देगी और पहचान भी| अगर राज्य सरकार इन कंपनियों को अनुमति नहीं देगी तो यह भूटान में चली जायेंगी क्योकि शराब तो बनेगी और बिकेगी भी तो हमारे यंहा क्यों नहीं? अगर हमें विरोध करना हैं तो दुकानों का करना चाहिए फेक्टरी का नहीं|

इस बार त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजपाल रावत को गिरफ्तार कर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात किया हैं अगर आप नेता हैं तो आपको प्रशन्षा व आलोचनाओ के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए व जिस प्रकार प्रशंसा का पान किया हिं उसी प्रकार आलोचनाओं का भी सोपान करना चाहिए| यह लोकतंत्र हैं और वैसे भी आप नरेन्द्र मोदी नाम की बेसाखियो के सहारे जिन्दा हैं और मालूम होना चाहिए की बैसाखियों पर सरकारे ज्यादा दिन नहीं टिकती|  

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