भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए RTGS और NEFT पर शुल्क पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने एटीएम लेनदेन पर लगने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए भी एक समिति का गठन किया गया है।
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए लेनदेन पर RBI बैंकों से शुल्क लेता है। बैंक इस खर्च को ग्राहकों से शुल्क लेकर पूरा करते हैं। RBI ने इसे अब पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है।
RBI की ओर से जारी बयान में कहा गया कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए RTGS और NEFT के तहत लेनदेन प्रोसेस पर रिजर्व बैंक अब बैंकों से कोई शुल्क नहीं लेगा। बैंकों को यह फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना होगा। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर बैंकों को निर्देश जारी कर दिया जाएगा।
RTGS सिस्टम के तहत मनी ट्रांसफर का काम तुरंत होता है। RTGS का उपयोग मुख्यत: 2 लाख से बड़ी राशि के हस्तांतरण के लिए होता है। इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपये भेजे जा सकते हैं और अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है। RTGS के अलावा पैसे एक खाते से दूसरे खाते में भेजने का दूसरा लोकप्रिय माध्यम नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) है। इसमें ट्रांसफर के लिए न्यूनतम और अधिकतम पैसे की सीमा नहीं है।
अपनी बैठक में RBI ने यह भी कहा है कि एटीएम का इस्तेमाल बढ़ रहा है। एटीएम चार्जेज और शुल्क में बदलाव की मांग लगातार की जा रही है। इसलिए एक समिति बनाने का फैसला लिया गया है, जो सभी हितधारकों से विचार विमर्श करते हुए एटीएम शुल्क के हर पहलू पर विचार करेगी। यह समिति पहली बैठक के दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपेगी।
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