जीविका कमाने के लिए हमें अपना स्थान छोड़कर पता नहीं किन किन जगहों पर जाना पड़ता हैं और यही दूरी हमें अपने लोगो से दूर कर देती हैं और तीज त्योहारों का तो भगवान् ही मालिक होता क्योकि ना तो उनका कोई नियत दिवस होता हैं और ना ही क्षेत्रीय सरकारे उन्हें प्राथमिकता देती हैं बाकी रावत सरकार के क्या कहने जो पहाड़ की मुख्य दिवाली ईगास (बूढी दिवाली) को छोड़कर छठ जैसे पर्व पर राज्य में पिछले दो सालो से अवकाश दे रहे हैं|
आजकल के आधुनिक युग में जब लोगो के पास समय नहीं और लोग मोबाइल की दुनिया में डूबे रहते हैं वंही बंगलूर की कुछ संस्थाए उत्तराखंड के लोगो को एक सूत्र में पिरोने के काम में व्यस्त हैं और यह पहली बार हैं जो दोनों संस्थाए संयुक्त रूप से किसी पर्व का आयोजन कराने जा रही हैं|
इस बार मौका है रंगों के त्योहार होली का और इस मौके पर दोनों संस्थाओं ने मिल कर 1 मार्च को सहकार नगर, हेब्बाल में होली का त्योहार मनाने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की पारंपरिक बैठक व खड़ी होली के साथ साथ युवाओ के लिए डीजे, ढोल और उचित खान पान आदि का प्रबंध किया गया है।
यही नहीं संस्था ने मिलकर सभी के लिए टी शर्ट भी बनवाई हैं ताकि सभी एक समान से लगे| यदि आप भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना चाहते हैं तो आप भी इस टी शर्ट के लिए इस लिंक के द्वारा आवेदन कर सकते हैं| यह टी शर्ट आपको 1 मार्च को सहकार नगर पर ही मिलेगी|