दिल्ली में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी नित नयी नयी लोक लुभावनी घोषणाये करती जा रही हैं| हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओ को मेट्रो व बसों में फ्री सफ़र की घोषणा करके सबको चौका दिया|
अरविन्द ने घोषणा दे दौरान कहा की मेट्रो और बस में महिलाओ को फ्री करने से दिल्ली सरकार को कुल मिलाकर 1300 करोड़ रुपयों का आर्थिक बोझ पड़ेगा जिसमे 1000 करोड़ दिल्ली मेट्रो का व 300 करोड़ रूपये दिल्ली परिवहन निगम का खर्चा होगा|
हमें लगता हैं की दिल्ली सरकार ने बिना सोचे समझे ही इस प्रकार के बचकाने फैसले चुनाव को देखकर लिए हैं क्योकि अरविन्द जो की खुद एक IRS अफसर उन्हें मालूम हैं की आज राज्य की वित्तीय स्थिति क्या है और इस तरह के अनाप शनाप के खर्चे राज्य को बदहाली के दौर में ले जा सकते हैं|
जनपक्ष इंडिया ने डीटीसी की वित्तीय स्थिति को जानने के लिए एक RTI लगाईं ताकि पता चल सके की मुफ्त की व्यवस्था से परिवहन विभाग को फायदा होगा की घाटा? क्योकि निशुल्क की सवारी करवाने वाली अरविन्द केजरीवाल सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में एक भी बस नहीं खरीदी और जब लोक सभा चुनाव में करारी हार मिली तो उन्हें चुनावी रेवड़ियों की याद आई|
दिल्ली परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली परिवहन निगम को वर्ष 2014-15 में 2917.76 करोड़ का नुकसान वर्ष 2015-16 में 3411.10 करोड़ का नुकसान हुआ, वर्ष 2016-17 में 3843.63 करोड़, वर्ष 2017-18 में 4329.41 (अनुमानित) करोड़ व वर्ष 2014-15 में 7157.25 (अनुमानित) करोड़ का नुकसान हुआ हैं|
अगर दिल्ली सरकार व केजरीवाल जी इतने ही दूरदर्शी व जन कल्याण की सोच वाले होते तो दिल्ली परिवहन निगम का घाटा हर साल बढ़ता नहीं| सरकार की सोच और मुफ्त का चन्दन सिर्फ और सिर्फ चुनावी वैतरणी पार कराने के लिए ही हैं|