दिल्ली की कानून व्यवस्था दिनोदिन बिगड़ती ही जा रही हैं व यह कहना अतिशियोक्ति नहीं होगा की दिल्ली महिलाओ के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं| यह किसी एक सरकार व एक दिन में नहीं हुआ हैं इसके लिए सभी सरकारे व स्थापित संस्थाए उत्तरदाई हैं क्योकि उन्होंने अपना काम सही से बिलकुल भी नहीं किया व उनके आकाओं ने संस्थाओं का प्रयोग राजनीति के लिए ही किया|
दिल्ली दो सरकारों के बीच हमेशा से पिसती आई हैं व दिल्ली की कानून व्यवस्था पर अधिकार दिल्ली सरकार व केंद्र की नाक की लड़ाई का कारण रहा हैं व दिल्ली पुलिस हमेशा से रानीतिक रूप से पक्षपात करती आई हैं|
निर्भया काण्ड के बाद महिलाओं की सुरक्षा एक राजनितिक मुद्दा बनकर उभरा था जिसको आम आदमी सरकार ने एक चुनावी मुद्दे के रूप में लिया था और उसी के बल पर वो जीतकर भी आये थे अरविन्द केजरीवाल सरकार के वायदे के अनुसार उन्होंने महिलाओ की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी बसों में मार्शल की नियुक्ति की थी|
जनपक्ष को प्राप्त दस्तावेजो के अनुसार दिल्ली सरकार की महिला मार्शल बसों में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं क्योकि चालक व परिचालक उनसे अभद्रता करते हैं और कंही कही यह अभद्रता मौखिक शारीरिक शोषण में बदल जाती हैं और मजे की बात तो यह हैं की इन चालक परिचालको को डीपो प्रबंधको तक का सरक्षण प्राप्त हैं|
ताजा वाक्या सोनल कुमारी का हैं जो की ढिचाऊ कला डिपो में एक मार्शल के रूप में कार्यरत हैं व उसकी ड्यूटी बस में ही होती हैं व बस का चालक उससे बहुत ही गलत व्यवहार करता हैं जिसके बाबत उसने अपने सुपरवाइसर राजकुमार को बताया व इस विषय में राजकुमार ने डिपो प्रबंधक गणेश कई बार सचेत भी किया व इस विषय में दिनाक 08 अक्टूबर 2020 को सोनल ने बाबा हरिदास नगर में एक शिकायत भी दर्ज कराई थी जिसपर दिल्ली पुलिस ने अबतक कोई कार्यवाही नहीं की हैं|
दिनाक 10 अक्टूबर 2020, को राजकुमार व डिपो प्रबंधक के बीच इस विषय पर गर्मागरम बहस हुई थी क्योकि शिकायत के बावजूद भी सोनल का उत्पीडन बंद नहीं हुआ था व डिपो प्रबंधन सोनल को उसी गाडी में जाने का दबाव बना रहा था व दिनाक 11 अक्टूबर 2020 को राजकुमार ढिचाऊ कला डिपो में काम पर आये तो डिपो प्रबंधक ने उसे काम देने से ही मना कर दिया व डिपो में फिर जा दिखाई देने के लिए चेतावनी भी जारी कर दी |
दिनाक 21 अक्टूबर 2020, को जब यह बात जनपक्ष के संज्ञान में आई तो हमने कंपनी के प्रबंधक को कार्यवाही के लिए लिखा तो जो हमें DIMTS से पत्र मिला वो बहुत ही चौकाने वाला था क्योकि उन्होंने डिपो प्रबंधक पर कोई कार्यवाही ना करके हमें जवाब दिया की श्री राजकुमार दिनाक 11 अक्टूबर 2020 से स्वय कार्यालय नहीं आ रहे हैं व प्रबंधक ने राजकुमार से बात करना भी उचित नहीं समझा| जो की दर्शाता हैं की किस प्रकार से प्रबंधन अपने अफसरों को संरक्षण दे रहा हैं|
आज चालक अनिल राव रोज मजे से अपनी ड्यूटी पर आ रहा हैं लेकिन राजकुमार व सोनल प्रताड़ित किया जा रहा हैं| सबसे मजेदार बात यह हैं की महिला सुरक्षा की बड़ी बड़ी बाते करने वाले अरविन्द केजरीवाल व महिला सुरक्षा को लेकर झंडे गाड़ने वाली स्वाति मालीवाल भी मौन हैं क्योकि मार्शल व DIMTS दोनों ही दिल्ली सरकार के विभाग हैं व इस मुद्दे को जानबूझकर दबाया जा रहा हैं ताकि विपक्ष को कोई भी मौक़ा ना मिले सरकार को घेरने का|
इसको देखकर तो लगता हैं की दिल्ली सरकार केवल और केवल राजनीति के लिए मुद्दों को चुनती हैं व अगर यही मुद्दा भाजपा शाषित प्रदेश में हुआ होता तो स्वाति मालीवाल भूख हड़ताल पर बैठ चुकी होती व जंतर मंतर मोमबत्तियो से रोशन हो चुका होता |