जैसे जैसे तकनीक का विकास हो रहा हैं वैसे वैसे तकनीक आधारित अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं| ऐसे अपराधो में लोग तकनिकी ज्ञान ना होने के कारण बहुत जल्दी व आसानी से आ जाते हैं खासकर जबसे आधार कार्ड को बैंक से जोड़ने की मुहीम शुरू हुई हैं लाखो लोगो ने ज्ञान ना होने के कारण अपनी गाढ़ी कमाई सिर्फ एक फ़ोन कॉल पर लुटवा दी हैं|
अब ताजा प्रकरण केंद्र सरकार की नई आयुष्मान योजना को लेकर हैं जहा उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के खरगूपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में फिंगर प्रिंट का गलत इस्तेमाल करके लोगों के बैंक खातों से पैसा निकालने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, एक गिरोह ‘आयुष्मान भारत योजना’ के कार्ड बनाने के लिए लोगों से लिए गए अंगूठे के पहचान के माध्यम से बैकों से पैसे निकाल रहे थे, इसी को लेकर खरगूपुर पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच स्वाट टीम ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया हैं और साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जिनके पास से कुछ उपकरण भी बरामद किए हैं।
बताते चलें कि थाना खरगूपुर क्षेत्र के ग्राम भटपी में आयुष्मान भारत योजना कार्ड बनाने हेतु लोगों से लिए गए अंगूठा के निशान के माध्यम से बैंकों से पैसा उड़ाने की घटना प्रकाश में आई थी। ठगों द्वारा फरवरी महीने में ग्राम भटपी में एक कैंप आयोजित किया गया था, जिसके अन्तर्गत ग्रामवासियों का आयुष्मान भारत योजना कार्ड बनाने के लिए उनके फिंगर प्रिंट लिए गए थे। ठगों द्वारा इन्हीं फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल करते हुए मशीन के माध्यम से नकली रबड़ का अंगूठा बनाकर उस फर्जी अंगूठे के पहचान के माध्यम से उनके खातों से कुल 2,09,800 रुपये निकाल लिए थे। इस संबंध में पीड़ित चेतराम ने अभियुक्त रमेश पांडेय और उसके गैंग के 6 अन्य सदस्यों के खिलाफ थाना खरगूपुर में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस अधीक्षक गोंडा ने घटना को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष खरगूपुर, स्वाट टीम और साइबर सेल को निर्देश दिया था कि अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए। गुरुवार को थाना खरगूपुर पुलिस द्वारा उक्त गैंग के रमन पांडेय और जफर अब्बास को गिरफ्तार उनके कब्जे से एक लैपटॉप, पॉली स्टैंपर मशीन (नकली अंगूठा बनाने वाली मशीन) और एक मोबाइल फोन बरामद किया। थानाध्यक्ष खरगूपुर संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक धाराओ में मुकदमा पंजीकृत करके उन्हें जेल भेजा गया है।