एक बार फिर खाने और धर्म को लेकर जमैटो विवादों में है। इस बार जबरन बीफ और सुअर का गोश्त डिलिवर कराए जाने को लेकर जमैटो के फूड डिलिवरी एग्जिक्युटिव ने विरोध किया है। मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा है जहां जमैटो के कई फूड डिलिवरी एग्जिक्युटिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस हुई थी।
हड़ताली कर्मचारियों ने बताया की ‘कंपनी हमारी मांगें नहीं सुन रही है और हमें बीफ व सुअर का गोश्त डिलिवर करने के लिए दबाव डाल रही है। हम एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं।’ मामले तूल पकड़ता देख पश्चिम बंगाल के मंत्री राजिब बनर्जी को भी आगे आना पड़ा हैं। राजिब ने कहा, ‘संस्था को किसी को उनके धर्म के खिलाफ कुछ करने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए। यह गलत है। मुझे इस बारे में सूचना मिली है, मैं मामले को देखूंगा।’
पिछले हुए बबाल में जमैटो ने लिखा था कि खाने का धर्म नहीं होता, भोजन अपने आप में एक धर्म है। बाद में इस ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐप के मालिक दीपिंदर गोयल ने कहा कि अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जाएं। इस मामले में सोशल मीडिया पर जमकर बहस हुई थी। जमैटो के साथ-साथ कुछ लोग अमित शुक्ला के पक्ष में भी लिख रहे थे और साथ ही साथ सोशल मीडिया में जमैटो को अनइनस्टॉल की हुई फोटो भी डाल रहे थे|
जमैटो का इस मुहीम में साथ देने के लिए लोगो ने उबर ईट को भी अनइनस्टॉल करना शुरू कर दिया था| सूत्रों के अनुसार इसके कारण दोनों कंपनियों को अपने बहुत से ग्राहकों से हाथ धोना पडा था व पश्चिम बंगाल में कंपनी की नीतियों के कारण कंपनी की कथनी व करनी में साफ़ फर्क पता चलता हैं की कंपनी के लिए शुद्ध लाभ ही सब कुछ हैं धर्म व भावनाए नहीं|