आजकल लोग सस्ती चीज़े और सफलता के शॉर्टकट तरीके ढूंढते हैं और इसी लालच के कारण वो लोग लूट का शिकार हो जाते हैं| ताजा मामला अम्बाला शहर का हैं जन्हा व्यक्ति ने 450 लोगो को करीब 2 करोड़ का चुना लगाया|
एक व्यक्ति यहां करीब 450 लोगों और एक ऑटो एजेंसी मालिक को करीब एक करोड़ 60 लाख रुपये का चूना लगाकर फरार हो गया। वह लोगों को ठग कर इंग्लैंड फरार हो गया। ‘1500 रुपये दें और एक्टिवा ले जाएं। हर महीने लक्की ड्रा। एक एक्टिवा सुनिश्चित।’ के अंदाज में लोगों को लालच देकर गांव सुल्लर में जसमीत उर्फ टोनी (एक पार्टी के युवा हलका अध्यक्ष) ने लोगों को चूना लगाया। शुरुआत में लक्की ड्रा निकालकर कुछ लोगों को एक्टिवा भी दी। लोग लालच में आ गए और धड़ाधड़ लक्की ड्रा के हिस्सेदार बनते गए। एक साल के भीतर ही उसने करीब 450 लोगों को अपने साथ जोड़ दिया।
वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक जसमीत हर महीने एक एक्टिवा ड्रा में निकालता रहा। जब करीब 200 लोगों की किश्तें पूरी हो गई और सभी को एक साथ 60 हजार रुपये या फिर एक्टिवा देने की बारी आई तो आरोपित इंग्लैंड फरार हो गया। एसडी होंडा के मालिक संदीप स्वामी ने बताया कि टोनी ने उनके साथ भी करीब 40 लाख रुपये का गबन किया है। उसने जो चेक दिया था, वह भी बाउंस हो गया है।
आरोप है कि टोनी ने गांव बलाना, सुल्लर, मटेहड़ी, भानोखेड़ी व अंबाला शहर तक के कई लोगों को ठगा। लोग ये सोचकर झांसे में आ गए कि वह पहले एक राष्ट्रीय और फिर एक क्षेत्रीय पार्टी का अंबाला शहर का हलका युवा अध्यक्ष रहा है। किसी को शक न हो, इसके लिए टोनी उन्हें हस्ताक्षर कर लक्की कूपन भी देता था।
अंबाला शहर पॉलीटेक्निक चौक स्थित एसडी होंडा के मालिक संदीप स्वामी को भी उसने अपना शिकार बनाया। दरअसल जसमीत उर्फ टोनी ने होंडा की दो एजेंसी मटेहड़ी और नन्यौला में ली हुई थी। लक्की ड्रा स्कीम से जब लोग जुड़ गए तो टोनी ने कहा कि उसे एक साथ 100 एक्टिवा चाहिए। संदीप झांसे में आ गए। उन्होंने एक साथ टोनी को करीब 60-70 एक्टिवा दे दी। शातिर ने इसकी कुछ एडवांस पेमेंट भी दी। बाकी 40 लाख रुपये जल्द देने का वादा किया। जब काफी दिनों तक पैसे नहीं आए और संदीप को शक हुआ और उन्होंने दबाव दिया। इस पर टोनी ने 38 लाख का चेक दे दिया। चेक बाउंस हो गया।
टोनी ने 1500 रुपये प्रति माह देकर लक्की ड्रा स्कीम में हिस्सा लेने की योजना शुरू की। योजना के तहत हर आदमी को सुनिश्चित 40 किश्त देनी थी। यदि ड्रा में नाम आ गया तो तुरंत एक्टिवा। ड्रा में नाम नहीं आया और 40 किश्त पूरी हो गई तो 60 हजार रुपये या एक्टिवा की गारंटी दी।
हर महीने एक ही एक्टिवा ड्रा में निकाली गई। इस तरह लोग जुड़ते गए। उन्हें लगा कि इस बहाने उनकी बचत भी हो जाएगी और किस्मत चमकी तो शायद एक-दो किश्तों में एक्टिवा ही मिल जाए। ड्रा में हिस्सा लेने वालों के साथ-साथ टोनी की आमदनी भी बढऩे लगी। करीब 5 लाख रुपये प्रति माह टोनी को मिलने लगे थे और बदले में वह एक एक्टिवा ही दे रहा था।
इंग्लैंड फरार होने से पहले टोनी ने गांव सुल्लर स्थित अपनी करीब 20 एकड़ जमीन को बेचने का प्रयास किया। लेकिन उसने जमीन की कीमत इतनी ज्यादा मांगी कि किसी ने दिलचस्पी नहीं ली। जिन्होंने कुछ समय मांगा, उन्हें टोनी ने मना कर दिया। टोनी ने लोगों को बताया था कि उसका बिजनेस घाटे में चला गया है इसीलिए वह जमीन बेचना चाहता है।