पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों की बेरहमी से पिटाई के बाद देश के कई राज्यों में बड़ी संख्या में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों की हड़ताल से मुंबई, कोलकाता, नागपुर, पटना, हैदराबाद, वाराणसी समेत कई शहरों में चिकित्सा सेवाएं लगभग ठप्प पड़ी हैं। यही नहीं घटना के विरोध में अब पश्चिम बंगाल के 43 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाली डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इस बीच कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले में ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उन्होंने डॉक्टरों से बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास क्यों नहीं किया। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने ममता से पूछा कि आखिर उनकी सरकार ने अब तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। पश्चिम बंगाल सरकार को न्यायालय ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। हड़ताली डॉक्टर अस्पतालों में अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की भावुक अपील को भी ठुकरा दिया है।
डॉक्टरों की हड़ताल के केंद्र पश्चिम बंगाल में आज चौथे दिन भी कई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप हैं। राज्य में कई डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। अब तक 43 डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे की पुष्टि हो गई है। इस्तीफा देने वाले 43 डॉक्टरों में से 16 आरजी कार मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल कोलकाता के हैं जबकि 27 अन्य डॉक्टर नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल दार्जिलिंग के हैं। इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में उनके लिए काम करना संभव नहीं है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टिमेटम को नहीं माना है।
West Bengal: 16 doctors of the RG Kar Medical College & Hospital, Kolkata submit their resignation stating, “In response to prevailing situation as we are unable to provide service, we would like to resign from our duty,” pic.twitter.com/a3eVzs6ZLG— ANI (@ANI) June 14, 2019
डॉक्टरों का कहना है मुख्यमंत्री ने जो कहा उन्हें उसकी उम्मीद नहीं थी और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी बीजेपी और सीपीएम पर उन्हें भड़काने और मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हो। साथ ही एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए।