भीषण गर्मी से पूरा दिन तपे दूनवासियों की रात का चैन 25 मिनट के अंधड़ से छीन लिया। 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक गति से रात लगभग 9.15 बजे आए तूफान और अंधड़ ने शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। बिजली-पानी की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। कई जगह पर पेड़ बिजली की तारों पर गिर गए, जिससे बिजली गुल हो गई।
परेड ग्राउंड, सहस्रधारा समेत माजरा सब स्टेशन से पूरे शहर की बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई। समूचा शहर अंधेरे में डूब गया। शहर में कईं जगह बिजली की तारें टूटीं तो कहीं ट्रांसफार्मर के जंफर उड़ गए। बिजली गुल होने से पूरे शहर में पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई।
महज 25 मिनट के अंधड़ ने ऊर्जा निगम व जल संस्थान के दावों की भी पोल खोल दी। ऊर्जा निगम अधिकारी तो जवाब तक देने की स्थिति में नहीं थे, जबकि जल संस्थान ने अपनी जिम्मेदारी ऊर्जा निगम पर डालकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। वहीं, ऋषिकेश, डोईवाला, पछवादून में भी अंधड़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।
अचानक आए अंधड़ से राजेंद्रनगर, सहत्रधारा रोड, माजरा, पटेलनगर, डालनवाला, मोहकमपुर, रायपुर, ईसी रोड, मन्नूगंज समेत नेशविला रोड और पंडितवाड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में कई पेड़ और टहनियां तारों पर गिर गए। पेड़ों के गिरने से तार टूट गए और बिजली गुल हो गई। पानी की आपूर्ति भी बंद हो गई। मौसम विभाग ने अंधड़ की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे की बताई है। अंधड़ में जगह-जगह घरों व दुकानों की टीन-शेड़ उड़ गई।
खिड़कियों व रोशनदानों के शीशे चटक गए तो कई जगह सड़क पर गाड़ियां आपस में टकरा गईं। सड़कों पर वाहन से चल रहे या पैदल चल रहे लोग सुरक्षित स्थानों पर रुक गए। करीब 25 मिनट चले अंधड़ की रफ्तार बारिश ने रोकी। बारिश की बौछारों ने अंधड़ व गर्मी से कुछ राहत तो दी, लेकिन बिजली-पानी ना आने से लोगों की मुसीबत कईं घंटे के लिए बढ़ गई।
खतरनाक पेड़ों के कटान के मामले में तो लापरवाही बरती ही जा रही, उन पेड़ों की छंटाई भी नहीं की जा रही, जिनके पास या नीचे से विद्युत लाइनें गुजर रही हैं। वक्त पर ऐसे पेड़ों पर छंटाई कर दी जाती तो कम से कम शाखाएं टूटने से लाइन तो नहीं टूटतीं।
अंधड़ के बाद लाइनें टूटने से ऊर्जा निगम का कंट्रोल रूम भी फेल हो गया। बिजली नहीं आने पर जब लोगों ने कंट्रोल रूम में फोन किए तो पूरी व्यवस्था ध्वस्त रही और कॉल इधर से उधर मिलते रहे। साउथ जोन के शिकायतकर्ताओं के फोन नॉर्थ जोन में मिले तो नॉर्थ जोन के वेस्ट जोन में। लोग रातभर परेशान हो रहे। निगम के पांचों जोन की यही स्थिति रही।
हाल ऐ नैनीताल
बुधवार तड़के आए अंधड़ ने ऊर्जा निगम की तैयारियों की फिर पोल खोल दी। अंधड़ से गुल हुई बिजली कई घंटे तक बहाल नहीं हो पायी। शहर से लेकर गांव के लोग पूरे दिन गर्मी में बिलबिलाते रहे। देर शाम तक गौलापार के कई गांवों में आपूर्ति बहाल नहीं हो पायी।
आंधी में हल्द्वानी शहर व ग्रामीण क्षेत्र में हाइटेंशन व लोटेंशन लाइनों के 24 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए थे। कई ट्रांसफार्मरों के फ्यूज उड़ गए। गौलापार क्षेत्र में आठ पोल टूटे, जबकि फतेहपुर, लामाचौड़, हल्दूचौड़, गोरापड़ाव, देवलचौड़ व बसानी में कुल 16 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। तारों पर टहनियां गिरने से जगह-जगह फाल्ट आ गए। अंधड़ से शहर क्षेत्र में तीन लाख रुपये व ग्रामीण क्षेत्र में चार से पांच लाख रुपये की क्षति पहुंचने का अनुमान ऊर्जा निगम के अफसर लगा रहे हैं।
अधिशासी अभियंता शहर डीके जोशी ने बताया कि देर शाम तक गौलापार क्षेत्र की लाइनों की मरम्मत होती रही। कुछ गांवों में आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। मुख्य शहर में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। कालाढूंगी बिजली घर सुबह नौ बजे तक, जबकि काठगोदाम बिजली घर दोपहर बाद तक शुरू हो गया था। वहीं अधिशासी अभियंता ग्रामीण अमित आनंद ने बताया कि कालाढूंगी रोड, रामपुर रोड व बरेली रोड के ग्रामीण इलाकों में फाल्ट दूर कर आपूर्ति सुचारू की गई।
लोकल फाल्ट देर रात ठीक की जाती रहीं। शेष फाल्ट गुरुवार को ठीक कराए जाएंगे।
बिजली कटौती से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट भी गहरा गया है। गौलापार, दमुवाढूंगा, कालाढूंगी रोड व रामपुर रोड के गांवों में पानी संकट से लोग खासे परेशान रहे। ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट से नलकूपों का संचालन भी बंद रहा। वहीं बिजली के आने-जाने की वजह से मोटर फुंकने की आशंका के मद्देनजर अधिकांश ऑपरेटरों से नलकूप ही नहीं चलाए। जिस कारण जलसंकट गहराया रहा।
जलसंस्थान के अधीक्षण अभियंता एएस अंसारी ने बताया कि इंदिरानगर, राजपुरा, कुसुमखेड़ा के संगम विहार, भगवानपुर तल्ला, कालिका कॉलोनी, हिम्मतपुर मल्ला, कर्नाटक गली, गणपति विहार, सुरभि कॉलोनी, तल्ला प्लाट, शिवपुरी, पनियाली के साईं मंदिर क्षेत्र, शिव विहार, चंदन विहार, सुयाल कॉलोनी आदि क्षेत्रों में किल्लत रही।तूफान से रामनगर में बीएसएनएल के गेट पर गिरा पेड़ ’
भीमताल में आंधी में कई पेड़ उखड़ने के साथ ही बिजली भी ठप हो गई। उपखंड अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि बाईपास मार्ग, सिड़कुल खुटानी में पेड़ गिरने से आपूर्ति ठप रहीं। ओखलकांडा में भी बिजली गुल रही। देर शाम तक मरम्मत जारी थी।
रामनगर में तूफान से पेड़ उखड़ने से मार्ग तो अवरुद्घ हुए ही, बिजली आपूर्ति भी ठप रही। नगर में बीएसएलएन के गेट पर पेड़ गिर गया। बस अड्डे के समीप पार्किग स्थल व नलकूप विभाग की दीवार पर भी पेड़ गिर गया। मोहान करनपुर, लूटाबड़, हल्दुआ, आमपोखरा, पूछड़ी, टांडा के अलावा पंपापुरी में भी पेड़ गिर गया।