दिल्ली सरकार के मुखिया अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली मेट्रो व बसों में महिलाओ की सुरक्षा के लिए फ्री किया गया हैं ताकि महिलाये सुरक्षित रह सके| यह घोषणा एक चुनावी स्टंट से कम नहीं लगती क्योकि ऐसा करना तकनिकी रूप से इतना आसान नहीं हैं जितना सोचा जा रहा हैं|
इस विषय पर हमने अपने तकनिकी विशेषज्ञ श्री जीवन पन्त से बात की उनके अनुसार यह मुश्किल तो हैं पर असंभव नहीं हैं| उन्होंने बताया की दो तरीको से सरकार व दिल्ली मेट्रो इसे लागू कर सकती हैं|
आधार हो इसका आधार
जैसा की आप सभी जानते हैं की देश में आधार लगभग सभी निवासियों के पास हैं| दिल्ली सरकार व दिल्ली मेट्रो UIDAI से गठजोड़ करके व अपने सभी AFC गेटो पर बायोमेट्रिक सिस्टम लगा दे तो वह अपने आप पता लगा लगेगा की यह महिला हैं या पुरुष| इससे दिल्ली सरकार दिल्ली व आसपास के जिलो को सिस्टम से जोड़ व हटा भी सकती हैं|
इसके लिए दिल्ली मेट्रो उसे बड़ी छूट भी दे सकती हैं और वह पैसा दिल्ली सरकार UIDAI तकनिकी सहयोग के लिए कर सकती हैं क्योकि DMRC केवल और केवल लिंग की पहचान कर रहा हैं इसलिए UIDAI को इसमें कोई आपत्ति भी नहीं होगी| यह सटीक, तेज व किफायती सिस्टम होगा दिल्ली सरकार व दिल्ली मेट्रो के लिए| दिल्ली सरकार चाहे तो इसमें जब मर्जी बिना किसी बदलाव के दिल्ली के आसपास जिलो को जोड़ भी सकती हैं और हटा भी वो भी एक क्लिक से|
इस तकनीक से दिल्ली सरकार भी जान पाएगी की कितनी महिलाओ ने उनकी सुविधा का प्रयोग किया व दिल्ली मेट्रो भी उसी प्रकार से दिल्ली सरकार से हर यात्रा का किराया वसूल पाएगी|
जानिये दिल्ली मेट्रो ने दिल्ली सरकार को इसके लिए कौन सा प्रस्ताव दिया
गुलाबी लाइट द्वारा
श्री जीवन पन्त के अनुसार की दूसरा तरीका यह हैं की दिल्ली मेट्रो अपने सभी AFC गेटो पर नीली व गुलाबी बड़ी बड़ी लाइट लगा दे जिससे की यदि कोई महिला कार्ड लगाकर गुजरेगी तो गुलाबी लाइट जलेगी व अगर कोई अन्य गुजरेगा तो नीली या केवल महिलाओ के जाने पर कोई भी लाइट लगाईं जा सकती हैं और अन्य के जाने पर कोई भी लाइट नहीं जलेगी|
यह उपाय थोड़ी सरल लग रहा है लेकिन इसमें बहुत जटिलताये हैं जैसे की हर AFC गेट के पास दिल्ली मेट्रो को अपने लोगो को खड़ा रखना पड़ेगा ताकि कोई पुरुष महिला का कार्ड ना प्रयोग कर सके|
केवल महिलाये
पन्त के अनुसार तीसरा रास्ता बड़ा ही सरल हैं की कुछ गेटो को केवल महिलाओ के आने व जाने के लिए आरक्षित कर दिया जाए जो हमेशा खुला ही रहेगा| इसके लिए दिल्ली मेट्रो को कोई खर्चा नहीं करना पड़ेगा लेकिन वो यह कभी नहीं जान पायेगा की कितने यात्रियों ने यात्रा की और इससे अन्य लोग जो पैसे देकर यात्रा कर रहे हैं उनके लिए दिक्कते बढ़ जायेगी|
श्री पन्त के अनुसार सरकारे लोगो को सबल बनाये ताकि वो अपने खर्चो को खुद वहां कर सके| निशुल्क योजनाये नागरिको को निकम्मा व देश को खोखला बनाती हैं|
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