भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रोड़ा अटकाकर यह जता दिया हैं की राज्य व केंद्र में टकरार तो बनी ही रहेगी| आयुष्मान योजना जो की गरीब व असहाय लोगो के लिए बनी है अरविदं व उनकी टीम लोगो को बता रही हैं की मोदी सरकार केवल और केवल उन लोगो को ही आयुष्मान का पात्र मान रही है जिनके पास फ्रिज, लैंडलाइन फ़ोन, स्कूटर इत्यादि ना हो|
शायद अरविन्द केजरीवाल जी यह मान चुके हैं की इनकी सरकार आने के बाद सभी लोगो के पास यह साधन आ चुके हैं और वो उसके पात्र बन ही नहीं पायेंगे| अरविन्द जी यह भूल चुके हैं की राज्य की 15% से ज्यादा जनता के पास यह सुविधाए नहीं हैं अरविन्द जी का कहना हैं की उनकी सरकार में सारे के सारे अस्पताल/ मोहल्ला क्लिनिक सक्षम हैं व उनकी जनता को वहा से उपचार मिल जाएगा|
लोकसभा चुनाव के बाद अरविन्द केजरीवाल डरे हुए से हैं और उन्हें डर हैं की अगर आयुष्मान को लागू कर दिया तो उनका रहा सहा जनाधार हैं लोगो के बीच में वो भी चला जाएगा| अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और अरविन्द व उनकी टीम फूक फूक कर कदम रख रही हैं ताकि कम से कम विधानसभा में तो जीतकर आ सके|
अरविदं जी अपनी हनक में भूल चुके हैं की दिल्ली की आधी से ज्यादा जनता दिल्ली के बाहर से आती हैं और यदि किसी को आपातकाल आ जाए तो क्या वो दिल्ली की और रुख करेगा या वही अपना इलाज कराएगा? क्या उस दौरान वो आयुष्मान कार्ड उसके लिए संजीवनी का काम नहीं करेगा?
इसलिए दिल्ली सरकार को अपनी हनक व लड़ाई को छोड़कर केंद्र सरकार की लोक निति को लागू करना चाहिए ताकि लोगो को दिल्ली व केंद्र सरकार दोनों का फायदा मिल सके|