दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की घोषणा तो कर दी है, लेकिन यह फैसला उनकी सरकार के लिए ही परेशानी का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। वित्तीय और तकनीकी पक्ष के साथ-साथ लगभग हर मुद्दे पर टकराव रखने वाली केंद्र और दिल्ली सरकार इसपर कैसे एकमत होगी यह देखनेवाली बात होगी?
बात यह हैं की दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) में (दिल्ली) और केंद्र सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री का फैसला केंद्र से होनेवाली नोंकझोंक को फिर हवा देगा। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी भी मानते हैं कि दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (डीटीसी) और कलस्टर बसों में इसे लागू करना भले कठिन न हो, लेकिन दिल्ली मेट्रो के लिए यह एक तरह से सरदर्द होगी।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार और केंद्र के शहरी विकास मंत्रालय के बीच पहले से ही कुछ मुद्दों को लेकर विवाद चल रहा है जैसे मेट्रो का किराया बढ़ना और चौथे फेज की मेट्रो का काम शामिल है। अधिकारी बोले, ‘तकनीकी और वित्तीय पक्षों को हटा भी दें तो दोनों पक्षों के बीच रहनेवाली तनातनी इसमें अहम रोल अदा करेगी।’
अगर देखा जाए तो DMRC के लिए यह असंभव ही होगा की वो महिलाओ के लिए अलग गेट लगाए| अगर सरकार महिलाओ के कार्ड चार्ज करती है बहुत संभावनाए है की वो कार्ड पुरुष भी प्रयोग करे| महिलाओ के लिए निशुल्क प्रवेश से मेट्रो में भीड़ बढ़ जाएगी और जो पैसा देकर यात्रा कर रहे हैं उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा|
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसके संबंध में घोषणा की। वह बोले कि राजधानी की महिलाएं डीटीसी बसों के साथ दिल्ली मेट्रो में मुफ्त में यात्रा कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को एक हफ्ते के भीतर इनमें सवारी को लेकर एक रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है। फिर इसे लागू करने में 2 से 3 महीने लग सकते हैं।