अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी के क्रेडिट बनवाकर करोड़ों रुपये ठगने के मामले में पुलिस ने बीटेक कर रहे दो छात्रों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है। एक आरोपी हरियाणा के हिसार व दूसरा यमुना नगर का रहने वाला है। हिसार निवासी आरोपी का बड़ा भाई आस्ट्रेलिया में साइबर ठगों की मदद से फर्जी क्रेडिट कार्ड बनवाकर छोटे भाई के पास भेजता था। इसके बाद वह यूपी, हरियाणा, दिल्ली आदि में दोस्त के साथ क्रेडिट कार्ड से ज्वैलरी खरीदकर दूसरी जगह बेच देता था।
9 माह में आरोपियों ने आस्ट्रेलिया से भारत भेजे गए क्रेडिट कार्ड से करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। हालांकि, अभी कंपनी के पास कुछ क्रेडिट कार्ड की सूचना नहीं मिल पाई है। इससे यह आंकड़ा बढ़ सकता है। आरोपियों से फर्जी दस्तावेज और काफी संख्या में क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
एसपी सिटी सुधा सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि बीते सप्ताह अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक के इन्वेस्टिगेशन मैनेजर कैप्टन आशीष मदान ने थाना सेक्टर-20 में फर्जी क्रेडिट कार्ड से करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी लगाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने जांच की तो एक युवक का मोबाइल नंबर मिल गया। उससे एक अन्य बैंक अधिकारी बनकर बात की गई तो वह झांसे में आ गया और उसे नोएडा के सेक्टर-16 के पास बुला लिया गया। वह अपने दोस्त को भी साथ लेकर आया।
यहां पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों की पहचान आजाद नगर, हिसार हरियाणा निवासी संदीप बेनीवाल व यमुना नगर हरियाणा निवासी संदीप कुमार के रूप में हुई। संदीप बेनीवाल का भाई सुनील बेनीवाल ऑस्ट्रेलिया में ग्राफिक्स डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रहा है। संदीप बेनीवाल ने बताया कि सुनील ऑस्ट्रेलिया से फर्जी दस्तावेज के आधार पर अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक के क्रेडिट कार्ड बनवाकर भेज देता था। इसके बाद वह हरियाणा, दिल्ली और यूपी के अलग-अलग हिस्सों में जाकर उन क्रेडिट कार्ड से ज्वैलरी खरीदकर किसी और को बेच देता था। उसने अपने साथ दोस्त संदीप कुमार को भी शामिल कर लिया था और उसे 15 फीसदी हिस्सा दिया जाता था। दोनों दोस्त हैं एक साथ बीटेक कर रहे हैं। आरोपियों ने कबूल किया कि पिछले दिनों उन्होंने नोएडा के सेक्टर-18 स्थित नामचीन ज्वैलरी शोरूम से अक्ष्य तृतीया पर 10 लाख रुपये के जेवर खरीदे थे।
9 माह में आरोपियों ने आस्ट्रेलिया से भारत भेजे गए क्रेडिट कार्ड से करीब तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। हालांकि अभी कंपनी के पास कुछ क्रेडिट कार्ड की सूचना नहीं मिल पाई है। इससे यह आंकड़ा बढ़ सकता है। रकम को सुनील बेनीवाल के खाते में डाला जाता था और उससे हिस्सा ऑस्ट्रेलिया में बैठे ठगों को दिया जाता था।
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक के फर्जी कार्ड से खरीदारी करने के लिए आरोपी अपना हेयर स्टाइल से लेकर अन्य लुक बदल देते थे और अंग्रेजी में बात करके बड़े शोरूम से आसानी से शॉपिंग कर लेते थे। एक क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने के लिए एक ही लुक रखते थे।
पुलिस के अनुसार, बीटेक के दोनों छात्र ऑस्ट्रेलिया का नागरिक दिखने के लिए बालों व दाढ़ी रंगवा लेते थे और चश्मे आदि लगाकर स्टाइलिश बनकर ही शोरूम में जाते थे। ज्यादातर महिला कर्मचारियों से ही ज्वेलरी खरीदते थे। क्रेडिट कार्ड पर नाम भी ऑस्ट्रेलियाई होता था और इंडिया में स्टडी वीजा पर आना बताया जाता था। अगर किसी क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम होती थी तो शुरू में 20 से 50 हजार रुपये की खरीदारी करते थे और उसकी पेमेंट ऑस्ट्रेलिया से ही करा दी जाती थी। जब भी किसी को संदेह होता था तो पेन कार्ड दिखा दिया जाता था। क्रेडिट कार्ड व पेन कार्ड आदि पर एक ही फोटो देखने के बाद दुकानदार का संदेह खत्म हो जाता था। ज्वेलरी खरीदने के बाद नोएडा, दिल्ली सहित एनसीआर के दुकानदारों को 25 से 30 फीसदी तक कमीशन पर बेचकर नकदी ले लेते थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मुख्य सरगना सुनील बेनीवाल के पिता हरियाणा पुलिस में सबइंस्पेक्टर हैं। जब क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने की जांच हुई तो सामने आया कि क्रेडिट कार्ड का पता और नंबर व व्यक्ति सभी फर्जी हैं। इसके बाद नोएडा में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। नोएडा पुलिस ने बैंक से कुछ साक्ष्य जुटाए जिसके बाद आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिल सकी। सरगना सिल्वर क्रेडिट कार्ड बनवाता था जिसमें अधिक रकम की लिमिट मिलती थी और बड़ा खेल खेला जा सकता था। क्रेडिट कार्ड फर्जी न लगे इसके लिए भाई और उसके दोस्त के फोटो लगाकर आधार और पेन कार्ड तक उसी नाम से बनाकर भेज देता था।