गाजियाबाद, 20 सितंबर 2024: राज्य कर विभाग ने वेव ग्रुप की दो फर्मों पर जीएसटी चोरी के आरोप में बड़ा कार्रवाई करते हुए दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मुरादाबाद स्थित आठ परिसरों पर एक साथ छापेमारी की है। इस छापेमारी में करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है।
क्या है मामला?
विभाग के अनुसार, वेव ग्रुप ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का गबन किया है। कंपनी ने बोगस फर्मों का इस्तेमाल कर आईटीसी का दुरुपयोग किया और स्टॉक में भी गड़बड़ी पाई गई है। जांच के दौरान कंपनी ने 6.21 करोड़ रुपये जमा कराए हैं, लेकिन अभी भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं जिनकी जांच जारी है।
कैसे हुआ खुलासा?
विभाग की लखनऊ स्थित टैक्स रिसर्च यूनिट (टीआरयू) को वेव ग्रुप से जुड़ी दो फर्मों में जीएसटी से जुड़ी अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। इसके बाद विभाग ने गाजियाबाद जोन-प्रथम की विशेष अनुसंधान शाखा रेंज-ए को जांच का जिम्मा सौंपा। जीएसटी पोर्टल, जीएसटी प्राइम, बिजनेस इंटेलिजेंस एंड फ्रॉड एनालिटिक्स (बीफा), कॉमटैक्स और ई-वे बिल पोर्टल से जानकारी जुटाई गई। इसके बाद कई दिनों की रेकी के बाद छापेमारी की गई।
कितने घंटे चली छापेमारी?
20 सितंबर की सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई 21 सितंबर की सुबह तक चली। इस दौरान विशेष अनुसंधान शाखा की रेंज ए और रेंज बी के अलावा नोएडा और मुरादाबाद के अधिकारियों के नेतृत्व में जांच टीमों ने सर्च अभियान को अंजाम दिया।
क्या-क्या मिला जांच में?
जांच में रियल एस्टेट के कारोबार के अलावा फ्लैट और भवनों की बिक्री में जीएसटी से जुड़ी अनियमितताएं मिलीं। एक फर्म से दूसरी फर्म के जरिये चेन बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) में गड़बड़ी के संकेत भी मिले हैं। देयता की तुलना में टैक्स कम दिखाकर जीएसटी रिटर्न फाइल करने की भी जानकारी मिली है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- जांच टीम ने वेव ग्रुप के गाजियाबाद स्थित जिस घोषित स्थल पर छानबीन शुरू की, वहां से कई अहम जानकारियां जुटाई गईं। इसके बाद टीम ने नजदीकी ही एक ऐसे परिसर पर छापा मारा, जिसे कारोबार स्थल के रूप में घोषित ही नहीं किया गया था। यहां स्टाफ भी तैनात पाया गया। जांच टीम ने इस स्थल को सील कर दिया है।
- विभाग ने 6.21 करोड़ रुपये की धनराशि दोनों फर्मों से जमा कराई है।
- जांच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
यह मामला जीएसटी चोरी के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई का एक उदाहरण है। यह दिखाता है कि सरकार जीएसटी चोरी करने वालों को बख्शेगी नहीं। यह मामला अन्य कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे जीएसटी के नियमों का पालन करें।
आगे क्या होगा?
विभाग अब जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच करेगा और आगे की कार्रवाई करेगा। इस मामले में दोषी पाए जाने पर वेव ग्रुप को भारी जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।