Ankita Bhandari

धामी राज  में देहभक्षियो का स्वर्ग बना उत्तराखंड

उत्तराखंड में दिनों दिन नित नए काण्ड सामने आ रहे हैं व सबसे घिनोना काण्ड नारी देह लोलुपता से जुडा हैं व आश्चर्य की बात हैं की सरकार के अपने दर्जा प्राप्त मंत्री के परिवार वाले ही इसमें लिप्त हैं व सरकार अपनी बदनामी से बचने के लिए उसे दबाने में जुडी हुई हैं|

अंकिता भंडारी एक महत्वकांक्षी बच्ची जिसने अभी चलना ही सीखा था व दुनियादारी समझ ही रही थी की सत्ता दे दलालों ने उसे किसी “VIP” को परोसने की ठान ली थी लेकिन महतव्कांक्षी अंकिता ने ना केवल उसका विरोध किया अपितु इसको समाज के सामने लाने की ठान ली जिसके कारण सरकारी जिस्म के दलालों ने उसे मौत के घाट उतार दिया|

उत्तराखंड में सरकार व पुलिस अब दलाओ की भूमिका में आ चुकी हैं व उनपर पूरा दबाव हैं की “VIP” को परिभाषित करने का ठेका दिया गया हैं ताकि “VIP” की नयी परिभाषा को गढ़ा जा सके| क्या हम मान ले की इसी VIP सर्विस के कारण उत्तराखंड में हर बार पुलिकत के परिवार वाले मंत्री पद पा रहे थे और वो कौन लोग हैं जो इस प्रकार की देह सर्विस की मांग करते थे|

अभी अंकिता काण्ड सुर्खियों ही में था तभी अल्मोड़ा के मजखाली में दिल्ली के एक आईएस अफसर द्वारा एक बालिका के साथ भी घिनोना कार्य किया गया व क्षेत्रीय पटवारी व पुलिस वाले लगातार दो महीने तक इस मामले को दबाने में लगे रहे लेकिन भला हो सोशल मीडिया का जिसके दबाव में प्रशासन को झुकना पडा|

इस केस के उजागर होने के बाद सरकारी दलालों ने राजनितिक दबाव में इसपर बहुत ही साधारण धाराओ में केस दर्ज किया हैं जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी संभव नहीं हैं|

Majkhali
Majkhali

उत्तराखंड में हो रही घटनाओ को देखकर तो लगता हैं की धामी सरकार देह पिशाचो के लिए स्वर्गगाह बन चुकी हैं व मुख्यमंत्री कार्यालय भी ठान चुका हैं की उत्तराखंड को देह व्यापार की राजधानी बनाना चाहते हैं व पुलिस/ पटवारी दलालों की भूमिका में अपना काम बखूबी निभा रहे हैं|

पुलिस व सरकार पुलकित केस को दिनों दिन सनसनीखेज बनाने में जुटी हुई है जिसके कारण लोग असली कारणों को भूल जाए| हम मान ही नहीं सकते की वो VIP कोई साधारण व्यक्ति होगा अगर ऐसा होता तो अंकिता मारी नहीं जाती हम यह भी मानते हैं की वो कोई सत्ता के शीर्ष पर बैठा व्यक्ति ही होगा क्योकि पुलिस ने पूर्व में आये अन्य VVIP लोगो की भी जांच नहीं की|

7 पॉक्सो एक्ट- लैंगिक हमला-

जो कोई, लैंगिक आशय से बालक की योनि, लिंग, गुदा या स्तनों को स्पर्श करता है या बालक से ऐसे व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति की योनि, लिंग, गुदा या स्तन का स्पर्श करता है या लैंगिक आशय से ऐसा कोई अन्य कार्य करता है जिसमें प्रवेशन किए बिना शारीरिक संपर्क अंतर्ग्रस्त होता है, लैंगिक हमला करता है, यह कहा जाता है।

8 पॉक्सो एक्ट – लैंगिक हमले के लिए दंड-

जो कोई, लैंगिक हमला करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

सेक्शन 354

भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 354 के तहत किसी महिला का यौन उत्पीड़न, मारपीट, उसके अभिमान को ठेस पहुंचाना शामिल है। अगर कोई शख्स ये जानते हुए भी कि किसी महिला के साथ मारपीट करता है, यौन उत्पीड़न करता या उसकी लज्जा भंग करता है तो उसे सेक्शन 354 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाता है।

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