क्या सूरज की रोशनी के सामने कोरोना वायरस नहीं टिक सकता है? अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी (डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज) के एक एक्सपेरिमेंट में यह बात सामने आई है की ज्यादा तापमान और नमी में यह वायरस जिंदा नहीं रह सकता है।
इससे अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि दुनिया के जिन हिस्सों में आगे गर्मी का मौसम आने वाला है वहां इस वायरस से राहत मिल सकती है। फिलहाल, जिन दस्तावेजों से एक्सपेरिमेंट के बारे में यह बात सामने आई है वे अभी कहीं भी प्रकाशित नहीं हुए हैं और इसलिए डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज ने इस पर कॉमेंट करने से भी इनकार कर दिया है।
डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज के मुताबिक सूरज की रोशनी में एयरोसॉल्स में मौजूद यह वायरस जल्द ही मर रहा है। लेब में देखा गया कि बिना रोशनी के कुछ घंटे बाद में वायरस में ज्यादा कमी नहीं देखी गई हैं। हालांकि, अभी तक के एक्सपेरिमेंट में यह बात कही गई है कि फिलहाल इसे पूरी तरीके से प्रमाणित नहीं किया जा सकता हैं।
गौरतलब है कि सूरज की रोशनी में कोरोना के नष्ट होने की संभावना पर काफी समय से चर्चा चल रही है। वहीं, अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल प्रिवेन्न ने साफ कहा है कि अभी तक COVID-19 के इलाज को लेकर FDA ने कुछ अप्रूव नहीं किया है।
सामने आए दस्तावेजों में एक स्टडी का जिक्र किया गया है जिसमें चीन के 100 शहरों के पिछले महीने के मामलों को स्टडी किया गया था। इसमें देखा गया कि जैसे-जैसे मौसम गर्म या नम हुई, ट्रांसमिशन रेट भी कम हुआ। वहीं, चीन में पब्लिक एक्सपर्ट्स और स्टडी के मुताबिक वायरस गर्मी या नमी में बढ़ नहीं सकता लेकिन इसे फिलहाल रोका नहीं जा सकता।
दूसरी ओर मैसच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के वैज्ञानिकों के मुताबिक भी कोरोना वायरस गरम देशों में धीरे फैला है। टीम ने पाया है कि ऑस्ट्रेलिया, यूएआई, कतर, सिंगापुर, बाहरेन और ताइवान में टेस्टिंग में तेजी से की गई।
वाइट हाउस में काम करने वाले इम्यूनॉलजिस्ट डॉ. ऐंथनी फौसी के मुताबिक गर्मी के महीने में वायरस धीमा हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह नीचे जरूर जाएगा लेकिन यह पुष्टि नहीं की जा सकती है कि गर्मी के मौसम का इस पर ज्यादा असर होगा।