उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कोरोना वायरस को लेकर मुसलमानों को बड़ी सलाह दी है।
रिजवी ने गुरुवार को कहा कि कोरोनो वायरस से मरने वाले मुसलमानों को दफन नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उनका इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह से अंतिम संस्कार करने से वायरस जल जाएगा और इसे फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
रिजवी ने एक विडियो जारी करते हुए अपील की, ‘अगर किसी मुस्लिम पेशंट की मौत कोरोनो वायरस से हो जाती है, तो मरीज के परिवार को मृतक को दफनाना नहीं चाहिए बल्कि इलेक्ट्रिक शवदाह गृह उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए। इस तरह से मृतक के शरीर का वायरस जलकर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।’
रिजवी ने आगे कहा, ‘अगर महामारी अधिक फैलती है, तो शिया वक्फ बोर्ड इस बारे में विचार करेगा कि उसके नियंत्रण वाले कब्रिस्तानों में कोरोना पीड़ित मरीजों को दफनाने की इजाजत दी जाए या ना दी जाए।’
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि दफनाने से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। कोविड-19 के राज्य निगरानी अधिकारी विकासेंदु अग्रवाल ने कहा, ‘अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु कोरोनो वायरस से होती है, तो उसके अंतिम संस्कार का एक प्रोटोकॉल है। शव को दफनाएं या दाह संस्कार करें, दोनों स्थितियों में प्रोटोकॉल का पालन करना ही होगा।’