एक 17 वर्षीय लड़की को उसके प्रेमी और लड़के की मां ने मिलकर शुक्रवार को साउथ त्रिपुरा से शांतिरबाजार में आग के हवाले कर दिया। इससे पहले लड़की को कथित तौर बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया गया था।
आग की वजह से लड़की तकरीबन 90 फीसदी जल चुकी थी। घटना के बाद आनन-फानन उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी शनिवार को उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में बताया कि लड़की को अभियुक्त के पड़ोसियों द्वारा बचाया गया। इसके बाद वे लड़की को तुरंत जीबी पंत अस्पताल लेकर पहुंचे। पुलिस ने कहा कि युवक द्वारा दो महीने से लड़की को बंधक बनाकर पैसों की मांग की जा रही थी।
जैसे ही लड़की की मौत की ख़बर लोगों की मिली, अस्पताल के नजदीक भीड़ जुटने लगी और लोगों ने आरोपी युवक समेत उसकी मां पर हमला कर दिया। लड़की के परिवारवालों का आरोप है कि अजय रुद्रपाल ने उनकी बेटी को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी लेकिन वे शुक्रवार तक महज 17 हजार रुपये ही इकट्ठा कर पाए थे। इस बात से गुस्साए अजय ने लड़की को आग के हवाले कर दिया।
एसपी (साउथ त्रिपुरा) जल सिंह मीणा का कहना है, ‘इस मामले का मुख्य अभियुक्त अजय गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद उसे शांतिरबाजार पुलिस स्टेशन लाया गया। लड़की को शुक्रवार को जिंदा जला दिया गया था। मामले की जांच चल रही है।’
पुलिस का कहना है कि लड़की युवक से सोशल मीडिया के जरिए मिली थी। दिवाली के बाद जब युवक उसके घर पर पहुंचा और शादी का प्रस्ताव रखा तो वह उसके साथ रहने लगी थी। उनका दावा है कि अभियुक्त ने फिर उसे जबरन बंधक बना लिया और पैसे की मांग करने लगा।
यही नहीं, आरोपी ने अपने साथियों के साथ लड़की से गैंगरेप भी किया। पीड़ित की मां का कहना है कि जैसे ही लड़की गायब हुई थी उन्होंने तुरंत इस मामले की शिकायत दर्ज कराई थी।
लड़की की मां का आरोप है, ‘हमने शुक्रवार रात चंद्रपुर आईएसबीटी पर अजय की मां को 17 हजार रुपये दिए थे। इस बात से वह खुश नहीं थीं और उन्होंने हमें चेतावनी दी थी कि पूरा पैसा जल्द से जल्द से दिया जाए यदि लड़की सही सलामत वापस चाहिए।
बाद में हमें उनका पता मालूम चल गया था और हम शनिवार को वहां जाने के बारे में सोच रहे थे। लेकिन शनिवार सुबह हमें पता चला कि बिटिया को जिंदा जला दिया गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’
लड़की की मां का दावा है, ‘हमने इस मामले की पुलिस को तुरंत जानकारी दी थी लेकिन कोई भी ऐक्शन नहीं लिया गया। जब हम उससे अस्पताल में मिले तो देखा कि मेरी बेटी की हालत गंभीर है।
उसने हमें बताया कि पैसे न देने पर दो महीने से उसके साथ गैंगरेप किया जा रहा था। जब अजय को इस बात का पता चला कि महज 17 हजार रुपये दिए गए हैं तो वह गुस्सा हो गया और उसने अपनी मां के साथ मिलकर आग के हवाले कर दिया।’