पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में अपराध पहले से ज्यादा बढ़ गए हैं। 15 नवंबर तक शहर में 459 हत्याओं की शिकायत दर्ज कराई गई।
यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 5 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा इसी साल रेप की 1947 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। पिछळे साल 1921 रिपोर्ट दर्ज हुई थीं।
ये आंकड़े दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हैं। 15 जुलाई तक दिल्ली पुलिस ने हत्या के 283 मामले दर्ज किए गए थे जो कि 2018 के मुकाबले 13 प्रतिशत ज्यादा हैं। वहीं पिछले तीन महीने में उन हत्याओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है जिनके आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी।
अगर दो बड़ी घटनाओं की बात करें तो सितंबर में मधु विहार में कार में हुई महिला की हत्या और ज्योति नगर में 44 साल के कारोबारी की हत्या की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है।
मधु विहार वाले मामले में 59 साल की ऊषा देवी को मंदिर के सामने कार में ही मार दिया गया था। वह अपने पति का इंतजार कर रही थीं।
घटना 16 सितंबर की है। गोली मारने के बाद आरोपी बाइक सवार फरार हो गए थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि 2017 और 18 की ही तरह अधिकतर हत्याओं की वजह अचानक हुआ झगड़ा है।