अरविदं सरकार आने वाले चुनावो को देखते हुए नित नयी घोषणाये करती जा रही हैं| इन सभी घोषणाये का निहित लोगो को सुविधा पहुचाना व दिल्ली को सुरक्षित बनाया जाना हैं| जैसा की दिल्ली सरकार कहती हैं|
मंगलवार को दिल्ली सरकार ने पूर्व में कहे के अनुसार महिलाओं के लिए दिल्ली परिवहन की बसों को फ्री कर दिया हैं और सभी महिलाओ से कहा हैं की आपको बस में निशुल्क सफ़र करने के लिए परिचालक से से गुलाबी टिकट लेनी है| इसका मकसद सिर्फ यही था की इससे पता चल सके की दिल्ली में कितनी महिलाओ ने बस में यात्रा की है और यह एक ऐसी व्यवस्था हैं जिसमे हमेशा गड़बड़ी बनी रहेगी और सरकार अपनी उपलब्धि गिनाने के लिए भ्रामक आकडे जारी करती रहेगी|
सभी जानते हैं की आज दिल्ली परिवहन निगम की क्या हालत है व सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार डीटीसी का वार्षिक घाटा इस समय 7100 करोड़ हैं और सरकार ने फ्री की सेवा शुरू करके अपने वोट बैंक तो बढ़ा लिए होंगे लेकिन तंत्र का भट्ठा बिठा दिया हैं|
महिलाओ को बस में निशुल्क यात्रा बिना पास के भी कराइ जा सकती थी लेकिन सरकार ने अपने प्रचार के लिए गुलाबी टिकट जारी की हैं जिसके आगे टिकट की जानकारी व पीछे स्वय अरविन्द केजरीवाल विराजमान हैं| सरकार की प्रचार की यह भूख पूरी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तोड़कर रख देगी|
अरविन्द केजरीवाल सरकार सिर्फ और सिर्फ वोटो की राजनीति के लिए काम कर रही हैं क्योकि अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव है और नगर निगम व लोकसभा चुनावो की हार ने उन्हें करो या मरो की स्थिति में ला दिया हैं इसलिए सरकार फ्री का चन्दन लोगो को लगाकर जीत का मंत्र फार्मूले पर काम कर रही है|
दिल्ली सरकार ने बसों में लोगो की सुरक्षा के लिए मार्शलो की नियुक्ति की हैं जो की लोगो की सुरक्षा करेंगे लेकिन जो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो वो लोग क्या लोगो की सुरक्षा कर पायेंगे| नियमो के तहत संविदा पर काम करने वाले व्यक्ति को मासिक वेतन मिलता हैं और सप्ताह में एक दिन अवकाश| ल
ेकिन अरविन्द केजरीवाल सरकारों ने जो मार्शलो को नियुक्त किया हैं उन्हें महीने में 29 दिवस काम करना होगा और उन्हें 29 दिन के ही पैसे मिलेंगे| 15 दिन में 1 दिन का अवकाश मिलेगा जिसका पैसा काटा जा रहा हैं और यही कारण हैं की मार्शलो को पूरे महीने ड्यूटी करनी होगी तभी उन्हें पैसा मिलेगा|
यह श्रम नियमो का खुल्लम खुला उलंघन हैं और जो सरकार अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती की हमारे प्रदेश में सबसे ज्यादा मजदूरी की दर हैं वो ही खुद नियमो का उलंघन कर रही हैं| मार्शलो को कोई भी सुविधा नहीं दी गयी हैं और जितने दिन वो आयेंगे केवल उतने दिनों का ही वेतन मिलेगा| यदि मार्शल को कोई भी क्षति होती हैं तो उसकी आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं हैं|