लगता हैं की उत्तराखंड में त्रिवेंदेर सिंह रावत की सरकार अब खतरे को भाप चुकी हैं और यही कारण हैं की सरकार प्रशासनिक कार्य छोड़कर अपनी छवि चमकाने में लग गयी हैं| अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन प्रधानमंत्री, बाबा केदारनाथ, चारधाम रोड व चहु और खुशहाली के चित्रण किये जा रहे हैं इसके उलट मुख्यमंत्री जो की स्वास्थ मंत्री भी हैं उनकी अनदेखी के कारण उत्तराखंड डेंगू महामारी का नया डेस्टिनेशन बनता जा रहा हैं|
कल यानी की 10 सितम्बर को त्रिवेंदर सिंह रावत द्वारा आने फेसबुक पोस्ट में राज्य में नौकरियों व निवेश को लेकर एक विडियो जारी की गयी हैं जिसमे दावा किया गया हैं की “उत्तराखंड निवेश का नया डेस्टिनेशन बन रहा है। पिछले 11 महीनों में 17हजार करोड़ के निवेश ग्राउंडेड हुए हैं इससे अगले एक-डेढ़ साल में 45000 रोजगार के अवसर मिलेंगे। हमारे निर्यात में 73%वृद्धि हुई है। 11 हजार छोटे बड़े उद्योगों की स्थापना हुई है।“.
हमने इन तथ्यों की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार के आकड़ो का मिलान किया गया तो पाया की हमारे प्रिय लाटे मुख्यमंत्री के दावे और सरकार के आंकड़ो में जमीन आसमान का अंतर हैं| सरकारी आकड़ो के अनुसार राज्य में 27500 करोड़ के निवेश के कारण राज्य के 73,821 लोगो को रोजगार मिलेगा जबकि तिरदा के अनुसार 17 हजार करोड़ में ही 45,000 लोगो को रोजगार मिल चुका हैं| जबकि उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट समिट में 1 लाख 24 करोड़ के निवेश को राज्य में लाने का दावा किया जा रहा था| उसके उल्ट राज्य में अभी तक उसका 20 प्रतिशत भी निवेश नहीं हुआ हैं|
हमारी टीम ने जब आकड़ो पर और ज्यादा जांच की तो पाया की कुछ तो गड़बड़ हैं क्योकि आकड़ो को देखकर लग रहा था की इन आकड़ो में बाजीगरी की गयी हैं| जैसे की उत्तरकाशी जिले में पूर्णानंद भट्ट जो की गाव अस्ति पोस्ट रनरी तहसील डुंडा में रहते हैं उन्होंने होटल व्यवसाय में निवेश के लिए 7098.28 करोड़ रूपये की बात की हैं और इससे राज्य में 11 लोगो को व्यवसाय मिलेगा| एक व्यक्ति बिना कंपनी के 7098.28 करोड़ निवेश करे संभव ही नहीं हैं|
यह आकडे इसलिए भी बाजीगरी लगते हैं क्योकि देहरादून में दो कंपनिया वासु स्टेट प्राइवेट लिमिटेड व फैसिलिटी ग्रुप क्रमशः 9.94 करोड़ व 4.15 करोड़ रुपया होटल व्यवसाय में निवेश का रही हैं और इससे वासु में 159 लोगो को व फैसिलिटी में 35 लोगो को रोजगार मिलेगा| वही एक व्यक्ति द्वारा 7098.28 करोड़ निवेश के बाद भी सिर्फ 11 लोगो को रोजगार| यह आकड़ो की बाजीगरी नहीं हैं तो और क्या है?
आप सिडकुल की कोई सी भी साईट देख लो इक्की दुक्की जगह ही जमीन उपलब्ध हैं| क्या बिना जमीन के तिरदा उद्योग हवा में लगवाएंगे|
आज उत्तराखंड के हालत यह हैं की यंहा कोई भी निवेश नहीं करना चाहता हैं जो चाहता हैं उससे SIDUCL वाले रिश्वत मांगते है या उसके काम को लटकाते रहते हैं| हमारी बार दिल्ली के व्यवसाई श्री रवि नैलवाल से हुई वो हरिद्वार सिडकुल में अपनी फेक्टरी लगाना चाहते हैं लेकिन सिडकुल वाले जगह नहीं हैं कहकर टरका देते हैं जबकि एरिया के दलाल प्रति मीटर 1000 देने पर मनचाही जगह पर जमीन दिलवाने का दावा कर रहे हैं|
हम किसी और की बात ही क्यों करे जब इन्वेस्टमेंट समिट से पहले श्री गौतम अदानी जी ने खुद तिरदा के मुह पर कहा था की हम दबाव में इन्वेस्टमेंट समिट में आ तो जाते हैं पर हम निवेश नहीं कर पायेंगे| लगता हैं इसी कारण से हमारे लाटे मुख्यमंत्री अब देश छोड़ सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जार्जिया जैसे देशो को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित करेंगे| क्योकि क्या पता वो लोग हमारे लाटे के झांसे में आ जाए|