पुलिस प्रशासन का वो महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिसका काम कानून व्यवस्था को बनाए रखना होता हैं उसके लिए सामान्य व प्रभावी व्यक्ति में कोई भेद नहीं होता हैं| लेकिन सरकारे अपनी महत्वकांक्षाओ को पूरा करने के लिए पुलिस जैसा महकमा कभी भी स्वायत्य नहीं रखती हैं और गाहे बाहे सरकार उसे अपनी सनक का हिस्सा बनाती रहती हैं|
ताजा मामला नैनीताल जिले से हैं जन्हा तल्ली ताल के प्रतिबंधित क्षेत्र में भाजपा नेता की कार को प्रवेश देने से मना करने के कारण एक पुलिस वाले का तबादला कर दिया गया हैं| श्री महेंद्र सिंह अधिकारी जो की हल्द्वानी निवासी हैं व वह अपने एक साथी के साथ नैनीताल आये थे और उन्होंने तल्ली ताल वाले रास्ते से राजभवन की और गाडी को मोड दिया जो की प्रतिबंधित क्षेत्र हैं यंहा पर तैनात SO राहुल राठी ने उन्हें रोका व चालान के लिए उनसे उनका लाइसेंस माँगा और इसी बात पर दोनों की तू तू मैं मैं हो गयी|
SO राहुल राठी महेंद्र अधिकारी से लाइसेंस की मांग करने लगे और महेंदर अधिकारी लाइसेंस दिखाने को तैयार नहीं थे| इस दौरान वंहा भीड़ लग गयी और इस बीच महेंदर अधिकारी ने किसी मंत्री को फ़ोन किया और SO के साथ हुई झड़प के विषय में बताया| मंत्री द्वारा पुलिस के उच्चाधिकारियों को फ़ोन करने के पश्चात मामला एसएसपी मीणा व डीआइजी जगत राम जोशी के पास भी पहुचा|
बाद में महेंद्र अधिकारी द्वारा लिखित में शिकायत देने पर डीआइजी जगत राम जोशी द्वारा SO राहुल राठी का स्थानान्तरण दूरस्थ जगह पिथोरागढ़ कर दिया हैं| जबकि उसे नैनीताल जिले में कंही और भी स्थानांतरण किया जा सकता था अब आप समझ सकते हैं की किस प्रकार नेताओ में हनक बढ़ रही हैं व वह अपनी झूठी प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए पुलिस प्रशासन पर अनुचित दबाव बनाकर पुलिस का मनोबल तोड़ने में लगे हुए हैं|
ऐसा नहीं है की इस तरह की कार्यवाही पहली बार हुई होगी| विगत वर्ष मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के तुगलकिया फरमान के कारण काठगोदाम के तत्कालीन SO नीरज भाकुनी का भी आनन् फानन में स्थानान्तरण नैनीताल से अल्मोड़ा जिले में कर दिया गया था जबकि जिन बाप बेटो की शिकायत पर मुख्यमंत्री रावत ने यह कार्यवाही की थी उन्होंने बाद में स्वय लिखित में दिया था की इस प्रकरण में नीरज भाकुनी की संलिप्तता नहीं थी और उन्हें बेवजह बलि का बकरा बनाया गया हैं|
कुछ दिनों पहले सरकार के विरोध में गोलपार के किसानो ने गोलपार में बन रहे प्रधानमंत्री आवास के खिलाफ 31 अगस्त को हल्द्वानी में एक रैली निकली गयी थी जिसमे हजारो की संख्या में पहुचे किसानो ने अपनी मांग प्रशासन के सामने रखी क्योकि यह प्रदर्शन शासन के खिलाफ था इसलिए राजिनितक दवाब में पुलिस ने अज्ञात 400 लोगो के खिलाफ धारा 147 व 341 के तहत मुक़दमा दर्ज कर दिया गया जबकि प्रदर्शन पूर्णतः शांतिपूर्ण था|
वही कल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओ, बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओ व अन्य राजीनीतिक दलों ने नामांकन के दौरान नैनीताल रोड पर एक रैली निकली जिसके कारण नैनीताल रोड पर घंटो जाम लगा रहा व कई पुलिस की गाड़िया व एम्बुलेंस भीड़ में फसी रही लेकिन इन लोगो पर किसी भी तरह का कोई वाद दर्ज नहीं हुआ| जबकि MBPG कॉलेज के सामने जमकर हुदंगद होता रहा व जमकर लिंगदोह आयोग सिफारिश की धज्जिया उड़ाई जाती रही|
प्रकरण एक नहीं है कई है अगर हम यंहा पर लिखना शुरू कर दे तो एक नई महाभारत लिख डाले की किस प्रकार सत्ता पुलिस का प्रयोग अपने खिलाफ हो रहे विरोध को शांत करने व अपनी इच्छापूर्ती के लिए कर रही है| उत्तराखंडी लाटो की इसी महत्वकांक्षा के कारण पुलिस प्रसाशन में सक्षम व इमानदार लोगो का मनोबल टूट रहा हैं|
हम सभी की यही आशा
हैं की उत्तराखंड के इमानदार पुलिस महानिदेशक अनिल रतूरी जी अपने लडको को राजनितिक
आकांशाओ का जरिया नहीं बनने देंगे व इस प्रकार के राजनितिक दबावों व कुप्रयासो को
विफल कर दल का मनोबल बढ़ाएंगे|