यूपी के बरेली से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 82 साल के एक साधु ने जिला प्रशासन से अपनी मर्दानगी का टेस्ट कराने की मांग की है। साधु को डर है कि उन्हें रेप के झूठे केस में फंसाया जा सकता है। साधु ने डीएम को पत्र लिखकर पोटेंसी टेस्ट (मर्दानगी की जांच) कराने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक नवाबगंज पुलिस थाना क्षेत्र में गुलड़िया धीमर गांव में करीब 6 बीघा जमीन पर साधु रामदास का आश्रम है। साधु का आरोप है कि कुछ लोगों ने आश्रम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। यही नहीं रामदास का यह भी आरोप है कि कुछ सरकारी जमीनों पर ग्रामीणों ने कब्जा किया है, जिसके खिलाफ वह अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं।
डीएम को लिखे अपनी शिकायत में साधु ने कहा, ‘चूंकि मैंने अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई है, ऐसे में वे मुझे झूठे मामलों में फंसाना चाहते हैं। यहां तक कि वे मेरे खिलाफ रेप का झूठा मामला भी दर्ज करा सकते हैं। इस तरह के किसी भी खतरे से बचने के लिए मैं पोटेंसी टेस्ट चाहता हूं।’ उधर, इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए डीएम सत्येंद्र कुमार ने कहा, कानून के मुताबिक बिना किसी एफआईआर के पोटेंसी टेस्ट कराने का नियम नहीं है, ‘ऐसे में हमने इस मामले को चीफ मेडिकल ऑफिसर को भेज दिया है।’
कुमार ने आगे कहा, ‘साधु बेहद तनाव में दिख रहे थे। ऐसे में हमने उनके हेल्थ चेकअप के लिए भी सीएमओ को कहा। जहां तक पोटेंसी टेस्ट का सवाल है तो इसके लिए जब तक एफआईआर नहीं हो जाती, हम किसी भी मेडिकल ऑफिसर को निर्देश नहीं दे सकते। नियम के मुताबिक एफआईआर के बाद जांच के दौरान ही पुलिस इस टेस्ट के लिए जा सकती है। हालांकि वह जमीन विवाद को लेकर परेशान हैं, ऐसे में हमने एसडीएम को इस मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है।’
साधु दास कहते हैं, ‘जिस शख्स ने आश्रम की जमीन पर कब्जा किया है, उसकी पत्नी पहले ही उन पर रेप का आरोप लगा चुकी है। हालांकि इस बारे में पुलिस को किसी तरह की कोई शिकायत नहीं हुई है। अब महिला फिर से मुझे रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है। अगर वह पुलिस के पास जाती है तो जांच होने तक मुझे बिना किसी गलती के जेल में रहना पड़ेगा। यही वजह है कि मैंने डीएम से मिलकर अपनी पूरी बात उन्हें बताई है और पोटेंसी टेस्ट की मांग की है।’