बड़े बहुमत के साथ वापसी करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे पहले नौकरियों के मोर्चे पर काम करेगी। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों में खाली पड़े पदों और मौजूदा जरूरतों को देखते हुए रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, करीब 75 हजार पद ऐसे हैं, जिन्हें तुरंत भरने की जरूरत महसूस हो रही है। इसके लिए सरकार स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) को परीक्षा आयोजित कर इन पदों पर भर्ती शुरू करने को कह सकती है।सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार बजट में असंगठित क्षेत्र में रोजगार के लिए बड़ी योजना का भी ऐलान कर सकती है। दरअसल, मोदी के पहले कार्यकाल में नौकरियों की कमी एक बड़ी चिंता बनकर सामने आई थी। कांग्रेस ने इसे चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था और घोषणापत्र में एक साल में 22 लाख नौकरियां देने का वादा भी किया था।
सूत्र बताते हैं कि आम चुनाव के दौरान ही नीति आयोग ने अगली सरकार के लिए 100 दिनों का जो अजेंडा तैयार किया है, उसमें सबसे ज्यादा तरजीह खाली पदों को भरने और एजुकेशन रिफॉर्म्स को दी गई है।
पीएमओ के निर्देश पर सभी मंत्रालयों और विभागों से 30 जून 2019 तक खाली पड़े सरकारी पदों की डीटेल्स मांगी गई थी। ज्यादातर मंत्रालयों से रिपोर्ट मिलने के बाद अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) इसकी समीक्षा कर रहा है।