सरकार की आधी अधूरी तैयारियों के बीच उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी हैं व श्रधालुओ की अपार संख्या के कारण सरकारी तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चूका हैं व तंत्र समर्थित लूट का घामासान तांडव चार धाम में हो रहा हैं|
उत्सतराखंड सरकार के पर्यटन मंत्री चार धाम यात्रा के दौरान खुद दुबई के पर्यटन में व्यस्त हैं आपको बता दे की यह वही सतपाल महाराज हैं जिन्हें कुव्यवस्था में रहना पसंद हैं|
क्योकि मैं उसको स्वय देख चुका हूँ की कैसे सतपाल महाराज के जन्मदिन के दिन उनसे मिलने आ रहे भक्तो को जब मैं स्वय पंक्तियों में कर रहा था तो सतपाल महाराज ने मुझे मना कर दिया व लोगो ने भीड़ में एक दुसरे के उप्पर चढ़ चढ़ कर दर्शन किये|
पुष्कर सिंह धामी स्वय अपनी साख बचाने के लिए चुनाव में व्यस्त हैं क्योकि वो जानते हैं की संगठन में ही कई लोगो उन्हें निपटाने में व्यस्त हैं इसलिए उनका पूरा का पूरा ध्यान चुनावों में है|
केदारनाथ
केदारनाथ में प्रशासन के साथ साथ पुलिस भी लूट में व्यस्त हैं| केदारनाथ में टट्टू का सरकारी रेट 2100 रूपये हैं लेकिन वो लोग पर्ची नहीं काटते है क्योकि या तो अक्सर उनके कंप्यूटर खराब रहते हैं या उन्खे पास खच्चर उपलब्ध नहीं होते जो की लोगो को मूर्ख बनाने के उपाय है जबकि उनसे 10 कदम की दूरी पर ही ढेरो खच्चर उपलब्ध हैं वो भी 5000 प्रति व्यक्ति की दर से|
जब हमारे लोगो ने खच्चर वालो से पता किया तो वो बोले बाबूजी हमें 500 प्रति चक्कर प्रशासन को देना होता हैं पर्ची ना कटवाने के लिए नहीं तो प्रशासन के होते क्या मजाल हैं की एक भी खच्चर वाला बिना पर्ची के किसी को ले जाए केदारनाथ|
यही नहीं लूट में असंतोष के कारण गौरीकुंड पुलिस के एक वीडियो ने महकमे की किरकिरी करा दी। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने मामले में चौकी प्रभारी को लाइनहाजिर और वीडियो वायरल करने के आरोपी जवान को सस्पेंड कर दिया। बताया जा रहा है कि वीडियो कथित तौर पर गौरीकुंड के व्यापारियों और मजदूरों से वसूली से संबंधित है।
सूत्रों के मुताबिक, यह वीडियो गौरीकुंड के चौकी प्रभारी सुरेश कुमार के कमरे का है। वीडियो में कथित तौर पर गौरीकुंड में चौकी प्रभारी व्यापारियों, मजदूरों से अवैध वसूली कर रहे हैं। वसूली का पैसा बैग में रखा गया है। बैग में चार से पांच लाख रुपये बताए गए। वीडियो में बड़ी संख्या में पानी की बोतलें दिखाते हुए कहा गया है कि बोतलें, व्यापारियों से अवैध रूप से ली गई हैं। बैग में अवैध शराब को छुपाकर रखने की भी बात कही गई है।
वीडियो वायरल होने के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने वीडियो वायरल करने के आरोपी कांस्टेबल कमलेश सजवाण को सस्पेंड और चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। एसपी ने पूरे मामले की जांच सीओ गुप्तकाशी को सौंप दी है। अग्रवाल ने कहा कि मामले में सत्यता पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। गौरीकुंड में यात्रा सीजन के दौरान पुलिस हर नाके में वसूली करने में व्यस्त हैं व इस प्रकार के कई विडियो पहले भी सामने आ चुके हैं व इतनी खुल्ली लूट बिना अधिकारियो की मिलीभगत के नहीं हो सकती|
केदारनाथ धाम में रात में ठहरने के लिए सिर्फ पांच हजार लोगों की व्यवस्था है। इसके बाद भी इंतजाम नहीं बढ़ाए गए। यहां धाम में श्रद्धालुओं के आने की संख्या 13 हजार तय की गई है, जबकि श्रद्धालु 18 हजार के करीब आ रहे हैं। धाम और यात्रा रुट पर कैसे क्राउड मैनेजमेंट किया जाएगा, इसकी भी कोई तैयारी नहीं की गई।
सरकार ने तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया। बिना पंजीकरण के भी बड़ी संख्या में लोग आते चले गए। अब जब बिना पंजीकरण वालों को रोका जा रहा है, तो ऐसे लोगों के रुकने की कहां व्यवस्था होगी, इसका कोई इंतजाम नहीं है। अब सरकार ने पोर्टल में ही पंजीकरण के लिए सीमित संख्या कर दी तो उन तीर्थयात्रियों की परेशानी बढ़ गई, जिन्होंने चारधाम पड़ाव पर पहले होटल या फिर हेली सेवा बुक कर दी थी। दूर-दराज के विभिन्न प्रांतों से आ रहे इन तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश में ही रोका जा रहा है।
चार धाम यात्रा और केदारनाथ धाम की तैयारियों को परखने के लिए अफसरों ने जमकर हवाई दौरे किए। हर वीकेंड पर नौकरशाहों की टीम केदारनाथ पहुंचती रही। इसके बाद भी किसी नौकरशाह ने 16 किमी लंबे पैदल ट्रैक को जांचने की जहमत नहीं उठाई। पैदल ट्रैक पर मारामारी की स्थिति है। चोट लगने के कारण कई श्रद्धालु घायल हो चुके हैं। संकरे पैदल ट्रेक पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। पैदल चलने वालों के बीच ही घोड़े, खच्चर भी चल रहे हैं। जगह- जगह से टूटी-रेलिंग से लोग टकरा रहे हैं। हल्की बारिश होने पर ही ट्रैक के गड्ढों में भरा मलबा कीचड़ बन रहा है। इसमें श्रद्धालु फिसल कर चोटिल हो रहे हैं।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालु खुले में सोने को मजबूर हैं। पांच हजार बेड क्षमता वाले केदारनाथ धाम में 18 हजार के करीब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां न तो प्रशासन, न पर्यटन विभाग ने बेड संख्या बढ़ाने का प्रयास किया।
सिर्फ इतना ही नहीं लोगो की बेतरतीब भीड़ के कारण केदारनाथ के सामने ही कूड़े का पहाड़ खडा होता जा रहा हैं जिसकी कोई सुध नहीं ले रहा हैं व अगर इस प्लास्टिक के कूड़े में आग लग गयी तो उसे संभालने के कोई भी पर्याप्त संसाधन वंहा पर मौजूद नहीं है व इससे जान माल की हानि भी हो सकती हैं|
केदारनाथ में लूट चरम पर हैं क्योकि हर चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं व सरकार अपनी मौन सहमति इस लूट को दे रखी हैं वर्ना क्या मजाल हैं की कोई सरकारी आदेश की अवहेलना कर सके इसलिए आप सभी से अनुरोध हैं की थोडा समय रूककर अपनी यात्रा की योजना बनाए क्योकि सरकारी तंत्र कागजो में व्यवस्था बनाने के लिए कार्यरत हैं जमीनी नहीं व सम्बंधित अधिकारी विदेशी दौरों में व्यस्त हैं|
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जीवन पन्त
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