संयुक्त राष्ट्र आजकल आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इसकी वजह बनी है कई देशों द्वारा तय समय पर भुगतान न करना। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने इस पर गहरी चिंता जताई है। उनके मुताबिक UN 23 करोड़ डॉलर की नगदी की कमी से जूझ रहा है। इसकी वजह से इसके संचालन में भी परेशानी खड़ी हो सकती है। इतना ही नहीं इसको लेकर गुतारेस ने संयुक्त राष्ट्र के करीब 37 हजार कर्मियों को पत्र लिखकर कहा है कि फंड की कमी के चलते वेतन और और अन्य भत्तों में कमी की जा सकती है।
आपको बता दें कि इसी 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के 74 वर्ष पूरे हो रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध बाद दुनिया में शांति बहाली के लिए बनाए गए इस महासंगठन को लेकर भारत ने निजी तौर पर काफी सार्थक प्रयास किए थे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र आम सभा, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत कुल 17 संस्थाएं इसकी स्वतंत्र इकाई के तौर पर काम करती हैं। इसके गठन का उद्देश्य विभिन्न मसलों पर एक अंतरराष्ट्रीय राय बनाना, शांति स्थापना, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवाधिकार कायम करना था। वर्तमान में इसके 193 देश सदस्य हैं। ये सभी देश वो देश हैं जिन्हें एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता प्राप्त है।
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के साथ ही इसके विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड बनाया गया था, जिसमें सभी देश अंशदान करते हैं। इनमें विकसित देशों की राशि विकासशील देशों के अनुरूप कम होती है। वर्तमान में जो संकट संयुक्त राष्ट्र के समक्ष खड़ा हुआ है उसकी एक बड़ी वजह विकसित देशों द्वारा इसमें अपना पूरा अंशदान ना करना है। भारत ने भी यूएन के सामने 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर के बकाये भुगतान पर गहरी चिंता जाहिर की है।
जहां तक भारत के अंशदान की बात है तो इसी वर्ष अगस्त में ही भारत ने इसके स्पेशल पर्पज ट्रस्ट फंड फोर रेजिडेंट कॉर्डिनेटर सिस्टम में एक मिलियन डॉलर का योगदान दिया था। इस वित्तीय वर्ष की बात करें तो इसके सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट का केवल 70 प्रतिशत ही भुगतान किया है। इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र में नगदी की कमी की समस्या खड़ी हुई है।
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के पास केवल तीन माह का ही फंड शेष बचा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने वित्तीय संकट को देखते हुए विभिन्न सम्मेलनों और बैठकों को टालने का भी संकेत दिया है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र का 2018-19 के लिए करीब 5.4 अरब डॉलर बजट निर्धारित था। इसमें अमेरिका का योगदान करीब 22 फीसद था।