भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी के 71,500 करोड़ रुपये के 6,800 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में 41,167.03 करोड़ रुपये के ऐसे 5,916 मामले प्रकाश में आए थे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं ने 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामलों की सूचना दी है।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि धोखाधड़ी वाली राशि में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 11 वित्तीय वर्षों में 2.05 लाख करोड़ रुपये की भारी धनराशि की बैंकिंग धोखाधड़ी के कुल 53,334 मामले दर्ज किए गए। इससे पहले 2008- 09 में 1,860.09 करोड़ रुपये के 4,372 मामले सामने आए। इसके बाद 2009- 10 में 1,998.94 करोड़ रुपये के 4,669 मामले दर्ज किए गए। वित्त वर्ष 2015- 16 और 2016- 17 में क्रमश: 18,698.82 करोड़ रुपये और 23,933.85 करोड़ रुपये मूल्य के 4,693 और 5,076 मामले सामने आए।
केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘आरबीआई को धोखाधड़ी के बारे में प्राप्त जानकारी को लेकर बैंकों द्वारा कानूनन प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आपराधिक शिकायत दर्ज कराना आवश्यक होता है। कार्रवाई के बारे में किसी तरह की सूचना अभी उपलब्ध नहीं है।’ ये आंकड़े इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बैंक धोखाधड़ी के कई बड़े मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें भगोड़ा आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या से जुड़े मामले भी शामिल हैं।
सुरक्षा ही बचाव हैं बेहतर हो की आप किसी प्रलोभन में ना फसे अगर कोई कॉल आता भी हैं तो आग्रह करे की मै बैंक जाकर काम करवा लूँगा व अपनी कोई भी डिटेल्स सांझा ना करे| किसी भी प्रकार के सन्देश को बहुत सावधानी से क्लिक करे यदि सन्देश किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजा गया हैं तो उसे ना ही खोले तो बेहतर हैं|
फिर भी यदि भूलवश आपसे कोई भी गलती हो जाती है तो आप तुरंत बैंक के केंद्रीय सहायता केन्द्रों को संपर्क कर सकते हैं यह केंद्र 24 घंटे कार्य करते हैं| आप इस विषय में कोई सहायता चाहते हैं तो हमारी हेल्पलाइन 05946 222224 नंबर पर संपर्क करे|