भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और चंद्रयान-2 के प्रशंसक इसी दिन का इंतजार कर रहे थे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने लैंडर विक्रम के बारे में सूचना देने की उम्मीद जताई है, क्योंकि उसका लूनर रिनेसॉ ऑर्बिटर (LRO) मंगलवार को उसी जगह के ऊपर से गुजरेगा, जहां पर भारतीय लैंडर विक्रम के गिरने की संभावना जताई गई है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA (नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) के पास जल्द ही इस सवाल का जवाब होगा कि विक्रम लैंडर मिल पाएगा या नहीं। इससे पहले, NASA के एक अधिकारी ने न्यू यॉर्क में IANS को बताया था कि उनका ऑर्बिटर 14 अक्टूबर को उस जगह के ऊपर से गुजरेगा, जहां विक्रम का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूटा था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसका एलआरओ 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट से गुजरा था और उस क्षेत्र की हाई-रिजॉलून तस्वीरें पाई थीं। नासा ने कहा है कि लूनर रिनेसॉ ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) की टीम को हालांकि लैंडर की स्थिति या तस्वीर नहीं मिल सकी थी।
नासा ने तब कहा था, ‘जब लैंडिंग क्षेत्र से हमारा ऑर्बिटर गुजरा तो वहां धुंधलका था और इसलिए छाया में अधिकांश भाग छिप गया। संभव है कि विक्रम लैंडर परछाई में छिपा हुआ है। एलआरओ जब अक्टूबर में वहां से गुजरेगा, तब वहां रोशनी अनुकूल होगी और एक बार फिर लैंडर की स्थिति या तस्वीर लेने की कोशिश की जाएगी।’