आजकल उत्तराखंड में विधायक ठुकराल द्वारा कही गयी बातो का शोर हैं क्योकि विधायक ने एक समुदाय विशेष के खिलाफ अपने मन की बात किसी से कही हैं| हालाकि यह उनका मत हो सकता है सबका नहीं लेकिन उत्तराखंड भाजपा ने उनपर तुरंत कार्यवाही करते हुए नोटिस थमा दिया हैं और उनका जवाब 7 दिनों में माँगा हैं की विधायक ठुकराल स्पष्टीकरण दे की उन्होंने ऐसा क्यों कहा हैं?
जबकि कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के एक बहुचर्चित विधायक चेम्पियन ने पूरे उत्तराखंड को ऐसी जगह पर बिठा दिया था जिसके विषय में भी चर्चा करना शर्मसार कर देता हैं| लेकिन पूरी विडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भी भाजपा आँखे मूंदी रही और जब उत्तराखंड में इस बात का जोरदार विरोध हुआ तो तब जाकर भाजपा ने विधायक को पार्टी से निकाला|
ठुकराल व चेम्पियन के मामले में उत्तराखंड भाजपा ने दोहरी निति अपनाई हैं जहा भाजपा ने चेम्पियन को जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया था जबकि उस दौरान वह भाजपा से निलंबित चल रहे थे और यंहा विधायक ठुकराल को 7 दिन का समय दिया गया हैं| हालाकि लोगो के गुस्से के कारण विधायक चेम्पियन को जवाब देने से पहले ही पार्टी ने निलंबित कर दिया था|
ठुकराल व चेम्पियन के मुद्दे दर्शा रहे है की उत्तराखंड में भाजपा दोहरे चरित्र के साथ कार्य कर रही हैं क्योकि यह मामला किसी समुदाय विशेष से सम्बंधित हैं इसलिए भाजपा उत्तराखंड उसे वोट बैंक से जोड़कर देख रही हैं| इसे देखकर तो लगता हैं की भाजपा के लिए उत्तराखंड में समुदाय विशेष प्रिय हैं ना की उसके मूल निवासी| इसका प्रमाण भाजपा उत्तराखंड अध्यक्ष कुछ दिनों पूर्व उधम सिंह नगर में दे चुके हैं जब उन्होंने कहा था की एक समुदाय विशेष को उत्तराखंड में स्थाई दर्जा दिया जाए|
विधायक ठुकराल का मामला देखकर तो लगता हैं की ठुकराल भाजपा में गुटबाजी का शिकार बने हैं जिसके कारण उन्हें हाशिये पर धकेलने की कोशिश की जा रही हैं और समुदाय विशेष पर कहे उनके बयान को तूल देकर उसे मुद्दा बनाया जा रहा हैं जबकि भाजपा में कई लोग तो ऐसे हैं जिन्होंने इससे भी बढ़कर बाते कही हैं लेकिन उन सभी को भाजपा ने केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया था जबकि खुद प्रधानमंत्री ने भोपाल की सांसद के विषय में बहुत ही गंभीर टिपण्णी की थी|