हापुड़ ने प्रदुषण में तोडा रिकॉर्ड, स्तर 700 पार

हापुड़ ने प्रदुषण में तोडा रिकॉर्ड, स्तर 700 पार

हापुड़ ने प्रदुषण में तोडा रिकॉर्ड, स्तर 700 पार
हापुड़ ने प्रदुषण में तोडा रिकॉर्ड, स्तर 700 पार

सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा (शाम 8-10 बजे तक) के बाद भी देर रात तक फोड़े गए पटाखों ने दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद के प्रदूषण में भी भारी इजाफा किया है। दिल्ली के लोधी रोड इलाके में तो वायु गुणवत्ता का स्तर 500 को भी पार कर गया है, जिसे बेहत खतरनाक श्रेणी में माना जाता है।

जमकर फोड़े गए पटाखों के चलते दिवाली के अगले दिन सोमवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के चलते धुंध छाई हुई है। इसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी भारी इजाफा हुआ है। वहीं, पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली के चलते भी दिल्ली-एनसीआर के आसमान में स्मॉग के हालात पैदा हो गए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, दिल्ली के साथ इससे सटे शहरों में प्रदूषण के चलते वायु गुणवत्ता स्तर 300 के पार बना हुआ है और कहीं-कहीं तो यह 400 और 500 के बीच पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में हालात और बदतर हो सकते हैं, प्रदूषण के स्तर में लगातार इजाफा होगा।

ताजा जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल्ली के लोधी रोड इलाके में प्रदूषण का स्तर 2.5 500 हो गया है और इसमें लगातार इजाफा होने के आसार हैं। इसके अलावा, मुधबन चौक, आनंद विहार, आश्रम, लक्ष्मीनगर, आइटीओ पर प्रदूषण में भारी इजाफा हुआ है।

दिवाली के अगले दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित नोएडा है। जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार सुबह 306 रहा तो नोएडा में यह 356 चला गया है। वहीं, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और बल्लभगढ़ में हालात कमोबेश खराब ही हैं।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च अनुसार, दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा शाम 8-10 तक के बाद भी जमकर पटाखे फोड़ गए। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली हो गई है। बताया जा रहा है कि पटाखे फोड़े जाने के चलते वातावरण में जहरीला धुंआ और राख भर गया।

वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत 0-50 को अच्छा तो 51-100 को संतोषजनक माना जाता है वहीं, 101-200 को मध्यम तो 300 को खराब माना जाता है। वहीं, 400 के बाद को बेहद खराब और 500 के पार को अत्यंत खराब माना जाता है।

वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से सड़कों पर और इसके किनारे लगे पौधों पर पानी का छिड़काव भी किया।

ग्रेप लागू होने के बावजूद इस बार दीपावली पर वायु प्रदूषण की स्थिति नहीं सुधर सकी। रविवार को दीपावली पूजन से पूर्व ही गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 390 दर्ज किया गया। वहीं, पीएम 2.5 और पीएम-10 सामान्य से चार गुना अधिक पहुंच गया है।

अगर आज पटाखों पर अंकुश नहीं लगाया गया और दिल्ली-एनसीआर वालों ने जमकर पटाखे चलाए तो सोमवार की सुबह दम घुटने वाला वायु प्रदूषण का असर पूरे देश में दिखाई देगा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण स्क्वायड की ओर से सभी प्रयास अपनाए जा रहे हैं, लेकिन वायु प्रदूषण की स्थिति पर कंट्रोल नहीं किया जा सका है।

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