शक के कारण पत्नी-बहू की ले ली जान

शक के कारण पत्नी-बहू की ले ली जान

शक के कारण पत्नी-बहू की ले ली जान
शक के कारण पत्नी-बहू की ले ली जान

डीटीसी से रिटायर महिला और इंडिगो एयरलाइंस में जॉब छोड़ चुकी उनकी बहू की शुक्रवार सुबह रोहिणी सेक्टर-4 में चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि इस मामले में स्नेहलता (62) के पति रिटायर्ड टीचर सतीश चौधरी (64) को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे पत्नी और बड़े बेटे की बहू पर शक था। पुलिस के मुताबिक, प्रज्ञा (35) के पति गौरव आईबीएम सिंगापुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। छोटा बेटा सौरभ (30) अविवाहित है और बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजिनियर है। सौरभ गुरुवार रात को ही घर आए थे।

सतीश ने पहले पत्नी को चाकू मारा तो वह कमरे से भागीं, फिर सतीश ने बहू पर चाकू से वार किए। उसी कमरे में पोता-पोती सो रहे थे लेकिन वे बच गए। बचाव में आए बेटे पर भी हमला किया। सौरभ ने पिता को कमरे में बंद करके पुलिस को सूचना दी। इलाज के दौरान स्नेहलता और प्रज्ञा की मौत हो गई।

पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि सास और बहू जल्द ही गुड़गांव शिफ्ट होने वाले थे। पूरा परिवार सतीश चौधरी से परेशान था। घर का माहौल बिगड़ने से बचाने के लिए बेटों और सास-बहू ने गुड़गांव में अलग मकान लेकर रहने की योजना बनाई थी।

छोटे बेटे के साथ वे लोग शुक्रवार को ही गुड़गांव जाने वाले थे। सतीश को इसकी भनक मिली तो उसने वारदात कर डाली। पुलिस ने बताया कि सतीश चौधरी ने पूछताछ में कबूला है कि उसे इस हत्याकांड को अंजाम देने का कोई मलाल नहीं है।

न कोई शिकन, न पछतावा विजय विहार थाने से जब सतीश को अदालत में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था तो उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं दिख रही थी। पूछताछ में उसने बताया कि पत्नी और बहू की हत्या करने का उसे कोई मलाल नहीं है।

वे दोनों गलत थे, इसलिए उनकी हत्या करने का बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। छोटे बेटे पर चाकू से हमला करने की बात पर सतीश ने बताया कि बेटे पर हमला करने का कोई इरादा नहीं था। बचाव में आने के दौरान उसने चाकू छीनने की कोशिश की, जिस वजह से उसे चाकू लग गया।

बुजुर्ग रिटायर टीचर की सनक से पूरी फैमिली परेशान थी। इस वजह सास-बहू का खाना अलग बनता था, जबकि बुजुर्ग की रसोई अलग चलती थी। बड़े बेटे के बच्चे बड़े होने लगे थे। घर का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा था।

इसलिए बहू और पत्नी ने अलग होने का फैसला कर लिया। इस पर दोनों बेटे भी सहमत हो गए। गुड़गांव में एक मकान भी ले लिया। बेंगलुरु से छोटा बेटा गुरुवार को ही दिल्ली आया। पिता को गुड़गांव शिफ्ट होने की जानकारी दी गई।

शुक्रवार को जाने का प्लान बन गया। बुजुर्ग तिलमिला गए… लगा पत्नी और बहू अलग होने पर तो आजाद हो जाएंगे। बस, इसी उधेड़बुन में बुजुर्ग ने दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दे दिया।

पुलिस अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी सतीश चौधरी (64) ने बताया कि छोटा बेटा सौरभ गुरुवार को बेंगलुरु से आया तो उसे पत्नी स्नेहलता और बहू प्रज्ञा के अपने बच्चों समेत गुड़गांव शिफ्ट होने की जानकारी मिली तो वो परेशान हो गया।

सोचा कि उसके सामने रहते हुए जब दोनों गलत काम कर रहे हैं तो दूर रहने पर उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होगा। वह रोहिणी में अकेला रह जाएगा। इसलिए दोनों को खत्म करने का फैसला किया।

पुलिस के मुताबिक, सतीश अपने दोनों बेटों को बचपन से अपनी पत्नी का चरित्र खराब होने की बात कहता रहता था। बड़े बेटे गौरव की शादी हुई तो उसकी पत्नी पर भी शक करने लगा। इससे परिवार में टेंशन बढ़ने लगी तो एक साल पहले अलग होने की सुगबुगाट शुरू हो गई थी।

सभी ने सतीश को अकेला छोड़ने का फैसला कर लिया और शुक्रवार को गुड़गांव शिफ्ट होने जा रहे थे। इसलिए उसने दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे दिया।

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