Mahesh Jeena, BJP, Salt has two voter I card

महेश जीना के दो वोटर आई कार्ड

आप सभी जानते हैं की सुरेन्द्र सिंह जीना के जाने के बाद खाली हुई सल्ट सीट पर अप्रैल में चुनाव होने जा रहे हैं व भारतीय जनता पार्टी समेत सभी पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशी खड़े किये हुए हैं व भाजपा सरकार जानती हैं की त्रिवेन्द्र सिंह लाटे के कारण जीत मुमकिन नहीं हैं इसी लिए भावनाओ व सहानभूति प्राप्त करने के लिए उसने महेश जीना जो की स्वर्गीय श्री सुरेन्द्र सिंह जीना के बड़े भाई हैं उन्हें मैदान में उतारा हैं|

वैसे तो महेश जीना की पहाड़ में अपनी कोई ज्यादा पहचान नहीं हैं क्योकि उन्होंने केवल और केवल दिल्ली में व्यवसाय ही किया है व वर्तमान में अभी वो तीन कंपनियों में हिस्सेदार हैं|

क्या हैं दोहरे वोटर आई कार्ड का मामला

चूँकि महेश जीना का अधिकतर जीवन दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में बीता हैं इसलिए उनके सभी दस्तावेज वही के हैं जी हाँ चुनाव पहचान पत्र भी|

Mahesh Jeena, Salt, Almora Voter I card

वैसे महेश जीना उत्तराखंड की सल्ट सीट से चुनाव तो लड़ रहे हैं लेकिन तकनिकी रूप से उनका नामांकन अवैध हैं क्योकि महेश जीना के दो दो निर्वाचन कार्ड हैं जो की दिल्ली व उत्तराखंड में बने हुए हैं जैसे दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में उनका नंबर KSP0883603 हैं व उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा में उनका नंबर YJR0201418 हैं व उन्होंने इसकी जानकरी अपने शपथ पत्र में नहीं दी हैं|

Mahesh Jeena Delhi Voter I Card

जांच के दौरान हमें एक और बात का पता चला जो की बहुत ही हास्यापद थी क्योकि जन्हा रोहिणी दिल्ली में महेश जीना की पत्नी का नाम अंजू जीना हैं वही उत्तराखंड में उनकी पत्नी अनीता जीना हैं|

दो वोटर आई कार्ड होने पर कानून क्या कहता हैं?

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) की धारा 17 और 31 के तहत यह अपराध की श्रेणी में आता हैं व इसके लिए आर्थिक दंड व एक साल की सजा भी हो सकती हैं व बता दे की महेश जीना इसे नहीं नकार सकते क्योकि उनके कई बैंक खाते व निदेशक में गयी जानकारी में इसी मतदाता पहचान पत्र की प्रति गयी हुई हैं|

शपथपत्र में अधूरी जानकारी होना

हमें यह भी लगता हैं की महेश जीना द्वारा जो भी शपथ पत्र निर्वाचन अधिकारी को दिया हैं उसमे कई जानकारी नहीं हैं क्योकि जानकारी के अनुसार महेश जीना स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग करते हैं व बिना ईमेल आईडी के कोई भी फ़ोन को प्रयोग में नहीं लाया जा सकता हैं|

वैसे हमने अपनी शिकायत व संभावनाओ को निर्वाचन/ चुनाव अधिकारी तक पहुचा दी हैं ताकि वो नियम के अनुसार कार्यवाही कर सके|

वैसे तो लोगो को खुद ही समझ होनी चाहिए की क्षेत्र के विकास के लिए सही उम्मीदवार को वोट देना चाहिए पर हमारे यंहा लहर व पार्टी देखकर लोग अपना मत देते है वैसे बेहतर हो की लोग बाहरी व्यक्ति नहीं स्थानीय को विजयी बनाए|

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