अब दुष्यंत की चाभी से खुलेगा खट्टर की किस्मत का ताला

अब दुष्यंत की चाभी से खुलेगा खट्टर की किस्मत का ताला

अब दुष्यंत की चाभी से खुलेगा खट्टर की किस्मत का ताला

हरियाणा में खट्टर सरकार गठन की हलचल तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और बीजेपी में बात बन गई है। दुष्यंत केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से साथ बीजेपी चीफ अमित शाह से मिलने उनके घर पहुंच गए हैं।

माना जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा में नई सरकार गठन के लिए बीजेपी को अपना समर्थन देने का मन बना लिया है। उधर, पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजेपी दुष्यंत को राज्य में डेप्युटी सीएम बनाने पर सहमत हो गई है।

दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महामंथन का दौर चल रहा है। आलाकमान ने हरियाणा बीजेपी चीफ सुभाष बराला को तलब किया है। वह पार्टी के वर्किंग प्रेजिडेंट जे पी नड्डा के साथ इस महामंथन में शामिल हैं।

शाह के घर जाने से पहले उन्होंने मीडिया को बताया, ‘मैं नड्डाजी के साथ बातचीत के बाद ही आगे के रास्ते के बारे में कुछ बता पाऊंगा। मुझे इसीलिए यहां बुलाया गया है।’ गृह मंत्री के आवास पर हो रही चर्चा में नड्डा और बराला के अलावा बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष एवं कुछ अन्य प्रमुख नेता मौजूद हैं।

जनपक्ष को सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि बीजेपी इस बैठक में जननायक जनता पार्टी प्रमुख दुष्यंत चौटाला की मांगों पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, पूरी संभावना है कि भाजपा चौटाला की मागों पर सहमत हो जाएगी।

ऐसा हुआ तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त कर चुकी बीजेपी को जेजेपी के 10 और विधायकों का साथ मिल जाएगा। फिर बीजेपी सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से बहुत आगे निकल जाएगी। उसके खेमे में खुद के 40, जेजेपी के 10 और निर्दलीय 7 विधायकों समेत कुल 57 विधायक आ जाएंगे।

गौरतलब है कि 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में सरकार गठन के लिए कम-से-कम 46 विधायकों की जरूरत है।

ध्यान रहे कि जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह हरियाणा के लोगों के हित में वैसी पार्टी का साथ देंगे जो मजबूत और स्थायी सरकार बना सके। उन्होंने हरियाणा सरकार की नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75% आरक्षण, वृद्धा पेंशन में वृद्धि समेत कुछ प्रमुख मुद्दों पर न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के तहत किसी पार्टी को समर्थन देने की बात कही है। उनके इस बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पहले ही आ चुकी है।

इधर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि वह भी दुष्यंत की इन सारी मांगों से सहमत हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर दुष्यंत के पास कोई और सुझाव हैं तो उन पर भी विचार किया जाएगा।

ताजा चुनाव में कांग्रेस के 31 विधायक जीतकर आए हैं। पार्टी को राज्य में सरकार बनाने के लिए जेजेपी के 10 विधायकों के अलावा कम-से-कम पांच निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल करना होगा। हालांकि, बीजेपी के सामने ऐसी मुश्किल नहीं है। वह जेजेपी या सभी निर्दलीय विधायकों में, किसी एक का समर्थन हासिल होने से सरकार बना लेगी।

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