Aadhaar

सावधान क्योकि अब आधार क्लोनिंग करेगी बैंक खाली

मुंबई पुलिस ने राजस्थान के 2 युवाओं को साकीनाका के एक होटल से गिरफ्तार किया है। इन दोनों युवाओं के आधार कार्ड पर 12 अंकों का सेम आधार नंबर था। मुंबई पुलिस द्वारा अरेस्ट किए गए लोकेश कुमार मीणा की उम्र 23 साल है और उसके पास बीटेक की डिग्री है जबकि भूर सिंह योगी 22 साल का आर्ट्स ग्रेजुएट है। 23 जुलाई को इन दोनों की योजना मुंबई के होटल में बैठकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड करने की थी। राजस्थान के जयपुर से दोनों 22 जुलाई को मुंबई पहुंचे थे।

मुंबई की साकीनाका पुलिस के एंटी टेरर सेल ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस व्हाट्सएप ग्रुप पर इलाके के नागरिकों को गतिविधि से जरूरी सूचना देने के लिए कहा गया है। होटल के प्रबंधन को जब इन दोनों युवाओं की गतिविधियां संदिग्ध लगी तो उन्होंने मुंबई पुलिस को इसकी सूचना दी।

मुंबई पुलिस को जांच में यह पता लगा कि जयपुर के दोनों युवा साकीनाका के होटल में 24 घंटे ठहरने के लिए पहुंचे थे। वह एक इंटरनेशनल वेबसाइट Bingodumps से बैंक ग्राहकों की डिटेल, उनके डेबिट कार्ड और सीवीवी नंबर और पिन आदि खरीदने वाले थे।

मुंबई पुलिस ने जब जयपुर के इन दोनों युवाओं का मोबाइल फोन चेक किया तो उसमें पता लगा कि वह बैंक ग्राहकों की डिटेल खरीदने के लिए मुंबई आए थे। मुंबई पुलिस को जांच में यह भी पता लगा कि जयपुर के यह दोनों युवा एक रैकेट से जुड़े हैं जो बैंक ग्राहकों का डिटेल वेबसाइट से खरीद कर स्कैम या धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों को बेचते हैं। मुंबई पुलिस की टीम साकीनाका के इस होटल में दोनों युवाओं को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची तो उन्होंने कहा कि वह घूमने के लिए मुंबई आए हैं।

मुंबई पुलिस की टीम ने जब आधार कार्ड की जांच की तो पता लगा कि उनका आधार कार्ड भी फर्जी है। यह आधार एक बीटेक ग्रेजुएट लोकेश के नाम से जारी किया गया है। इन दोनों युवाओं ने लोकेश नाम के बी टेक ग्रेजुएट का आधार कार्ड की कॉपी कर नकली आधार कार्ड तैयार कर लिया। मुंबई पुलिस ने इन्हें आधार कार्ड धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

उसके बाद की गई पूछताछ में मुंबई पुलिस को समझ में आया कि यह दोनों युवा इंटरनेशनल वेबसाइट से भारत के बैंक ग्राहकों की डिटेल खरीदते हैं और उसे भारत में बैंक ग्राहकों से धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों को बेचते ।हैं उन्हें इंटरनेशनल वेबसाइट से एक तय समय में बैंक ग्राहकों की लॉग इन आईडी और पासवर्ड भी मिल जाता है। इस अवधि में वे उन बैंक ग्राहकों के कार्ड की डिटेल डाउनलोड कर लेते हैं और उसे धोखाधड़ी करने वाले लोगों को बेच देते हैं।

एक बैंक एग्जीक्यूटिव ने इस बारे में कहा कि बहुत से बैंक ग्राहकों की डिटेल ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। बैंक को वास्तव में इन कार्ड को रद्द कर अपने ग्राहकों के लिए नया कार्ड जारी करना चाहिए। मुंबई पुलिस ने कहा है कि यह भी आश्चर्य की बात है कि जयपुर से फ्लाइट से मुंबई आने वाले इन दोनों युवाओं के आधार कार्ड को देखकर एयरपोर्ट प्रशासन को कोई शक नहीं हुआ।

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