Jet airways

जेट की मुश्किलें बढ़ी, उच्चाधिकारियों के लगातार इस्तीफे

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जेट एयरवेज की पेरिशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं। आर्थिक तंगी की वजह से परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने के बाद उसके वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। कंपनी के एग्जिक्यूटिव और चीफ फाइनैंशल ऑफिसर अमित अग्रवाल के बाद अब सीईओ विनय दुबे और चीफ पीपल ऑफिसर राहुल तनेजा ने भी इस्तीफा दे दिया है।

मंगलवार को ही कंपनी ने अग्रवाल के इस्तीफे की घोषणा की और बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पद छोड़ दिया है। इसके तुरंत बाद दुबे और तनेजा ने भी इस्तीफा दिया। विनय दुबे ने भी इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है।

दुबे जेट एयरवेज के साथ अगस्त 2017 में जुड़े थे और इससे पहले डेल्टा एयरलाइंस और अमेरिकन एयरलाइंस के साथ भी काम कर चुके हैं। एस्सार ग्रुप के एचआर हेड रह चुके तनेजा फरवरी 2016 से जेट एयरवेज के साथ थे। अग्रवाल फाइनैंस चीफ के रूप में दिसंबर 2015 में जेट में सवार हुए थे। उन्हें नवंबर 2017 में डेप्युटी सीईओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

बता दें कि अप्रैल से ही जेट एयरवेज का संचालन बंद हो गया है। कई महीनों से पायलट और अन्य कर्मचारियों की सैलरी न दे पाने की वजह से भी एयरलाइन लंबे समय से संकट में घिरी थी। जेट एयरवेज के बंद होने की वजह से हजारों कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी। जेट की हिस्सेदारी खरीदने से भी कंपनियां परहेज कर रही हैं। हालांकि जेट के ही अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एतिहाद ने हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है।

एतिहाद ने कहा है कि वह जेट में 1700 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है। पिछले शुक्रवार को जेट के लिए बोली लगाने की समयसीमा खत्म हो गई और तब तक सिर्फ एतिहाद ने ही बोली लगाई थी। उसने डेडलाइन खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही बोली सौंपी थी। उसके अलावा जेट की खातिर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स को चुना गया है।

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