Forest Fire in Kumaon

कुमाऊ में आग का तांडव, रावत एक्सप्रेस फेल, नासा की चेतावनी

Forest Fire in Kumaon
Forest Fire in Kumaon /Pic:- Sh. Anoop Shah Ji

गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। उत्तराखंड में बुधवार को ऐसे 94 मामले सामने आए। इसकी वजह से वन विभाग को तकरीबन 32.435 लाख रुपये का नुकसान हुआ हैं। जगह-जगह आग लगने की घटनाओं में 161 हेक्टेयर का वन्य क्षेत्र आग की चपेट में आ गया और राज्य भर में 1815.845 हेक्टेयर का जंगल जलकर राख हो गया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर घटनाएं कुमाऊं से (869) सामने आईं। इस वर्ष अबतक 1200 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र के जंगल जलकर खाक हो गए।

उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘तापमान में वृद्धि की वजह से हमें जंगलों में आग के 94 अलर्ट मिले। हमने अपने ज्यादातर स्टाफ को जरूरी निर्देशों के साथ मौके पर भेज दिया। हमने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए ग्रामीणों और पंचायतों का भी सहारा लिया है। हम अपने हेलिकॉप्टर्स को भेजने में असफल रहे क्योंकि जंगलों की आग से इतना ज्यादा धुआं उठ रहा था कि ऐसा करना संभव नहीं था। अगले चार दिनों तक स्थिति ऐसी ही रहने की संभावना है।’

कुमाऊं के अलावा ज्यादातर जंगलों में आग लगने की घटनाएं नैनीताल (289), अल्मोड़ा (275), पौड़ी गढ़वाल (160), देहरादून (140) और टिहरी (121) से सामने आईं। इसमे 141.66 हेक्टेयर का वन्य क्षेत्र जल गया। इतना ही नहीं, एक हेलिकॉप्टर, जिसमें उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग में पूर्व में रहे चेयरपर्सन एनएस बिंद्रा समेत चार लोग सवार थे, उसकी चमोली के गोपेश्वर पुलिस ग्राउंड में जीरो विजिबिलटी की वजह से लैंडिंग करानी पड़ी। दरअसल, जंगलों में लगी आग की वजह से बड़ी मात्रा में धुआं वातावरण में फैल गया, इसकी वजह से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।

अमेरिकी अन्तरिक्ष संस्था नासा ने भी एक चित्र जारी कर कहा हैं की भारत के उत्तराखंड राज्य से बहुत गर्मी निकल रही हैं जो की बहुत गंभीर हैं|

Nasa Pic of Fire in Uttarakhand
Nasa Pic of India

राज्य सरकार की ढुलमुल निति के कारण आग रिहायशी इलाको की और बढ़ रही हैं तथा प्रचंड गर्मी इसको और भड़का रही हैं| यदि केंद्र ने इसपर तुरंत कोई उपाय नहीं किया तो प्रदेश का अधिकतर भाग जलकर ख़त्म हो जाएगा और पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुचेगी|

उत्तराखंड में इन दिनों जहां चार धाम यात्रा व पर्यटन अपने चरम पर है तो वहीं यात्रा मार्ग के जंगलों में लगी भीषण आग ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है| इंसान के साथ ही जंगली जीव-जन्तु भी इस भीषण आग से काफी परेशान हैं| दूसरी ओर वन विभाग की ओर से आग पर काबू पाने के लिए कोशिश तो ही रही हैं लेकिन सिमित संसाधन होने के कारण वो ऊँट के मुँह में जीरे के सामान हैं|

इस दौरान मौसम विभाग ने भी साफ कर दिया है कि राज्य में तापमान और बढ़ेगा जिससे आग का खतरा और विकराल हो सकता हैं| इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में आग की घटनाओं में और इजाफा हो सकता है| आग में गर्मी, चिंगारी के साथ ही धुएं की वजह से देखना भी मुश्किल हो गया है| स्थानीय लोग वन विभाग की लापरवाही से नाराज हैं क्योंकि वन विभाग का कोई भी कर्मचारी वहां आग पर काबू पाने के लिए मौजूद नहीं है|

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