अब बदले आधार में पता चन्द मिनटों में ऑनलाइन

अब बदले आधार में पता चन्द मिनटों में ऑनलाइन

अब बदले आधार में पता चन्द मिनटों में ऑनलाइन
अब बदले आधार में पता चन्द मिनटों में ऑनलाइन

आधार कार्ड एक ऐसा दस्‍तावेज है जिसकी सबसे ज्‍यादा जरूरत पड़ती है। यह आइडेंटिटी प्रूफ से लेकर एड्रेस प्रूफ तक का काम करता है। आप जिस पते पर हैं उसका अपडेट UIDAI के रिकॉर्ड में होना भी जरूरी होता है। अगर आप रेंट पर रहते हैं और एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट करते हैं या उसी शहर में आपका पता बदल जाता है तो आप रेंट एग्रीमेंट के जरिये अपने आधार कार्ड के पते को ऑनलाइन या ऑफलाइन अपडेट करवा सकते हैं। हालांकि, इसकी भी एक शर्त है। किसी भी तरह के रेंट एग्रीमेंट के जरिये आप आधार कार्ड में एड्रेस अपडेट नहीं करवा सकते।

UIDAI की वेबसाइट पर आधार सेल्‍फ सर्विस अपडेट के जरिये आप बड़ी आसानी से अपना एड्रेस अपडेट करवा सकते हैं। इसके लिए आपको UIDAI द्वारा बताया गया मान्‍य दस्‍तावेजों में से कोई एक देना होगा। ऐसा ही एक एड्रेस प्रूफ रेंट एग्रीमेंट भी है। हालांकि, बहुत लोगों की शिकायत होती है कि रेंट एग्रीमेंट के जरिये जब वे एड्रेस करवाने जाते हैं तो वह रिजेक्‍ट हो जाता है। हम जानेंगे कि ऐसे आवेदन रिजेक्‍ट क्‍यों होते हैं।

आप रेंट एग्रीमेंट के जरिये ऑनलाइन या ऑफलाइन अपने आधार का पता अपडेट करवाने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्‍यान रखें। सबसे पहले तो आपका रेंट एग्रीमेंट रजिस्‍टर्ड होना चाहिए। अगर आपका रेंट एग्रीमेंट रजिस्‍टर्ड नहीं है तो UIDAI उसे रिजेक्‍ट कर देगा।

अगर आप UIDAI की वेबसाइट से आधार कार्ड का पता रेंट एग्रीमेंट के जरिये अपडेट करवाने जा रहे हैं तो इस बात का भी ध्‍यान रखें कि रेंट एग्रीमेंट के प्रत्‍येक पेज को स्‍कैन कर उसे सिंगल पीडीएफ फाइल में अपलोड कर रहे हैं। अगर आप कई जेपीईजी तस्‍वर या पीडीएफ अपलोड करेंगे तो UIDAI उसे रिजेक्‍ट कर सकता है।

अगर आप आधार सेवा केंद्र या परमानेंट एनरॉलमेंट सेंटर जाकर रेंट एग्रीमेंट के जरिये अपने आधार कार्ड का पता अपडेट करवाना चाहते हैं तो रेंट एग्रीमेंट की ओरिजिनल प्रति लेकर जाएं। वहां के अधिकारी आपके रेंट एग्रीमेंट की फोटोकॉपी करेंगे और ओरिजिनल दस्‍तावेज वापस कर देंगे।

आइये हम बताते हैं की रजिस्टर रेंट अग्रीमेंट होता क्या है| दरअसल दो तरह के रेंट अग्रीमेंट होते पहले रजिस्टर और दूसरा अनरजिस्टर| रजिस्टर अग्रीमेंट में किरायेदार व मकान मालिक को राज्य सरकार के राजस्व विभाग से संपर्क करना होता हैं| जिसे रजिस्ट्रार ऑफिस भी कहते हैं इसके किरायेदार व मकान मालिक दोनों को अपनी उपस्थिति में निर्धारित अधिकारी के सामने हस्ताक्षर करना होता हैं व इस अग्रीमेंट में कुछ फीस भी लगती हैं जो 5% तक होती हैं|

वही अनरजिस्टर अग्रीम्मेंट में आपको केवल 100 रूपये का स्टाम्प पेपर लाना होता हैं और उसमे शर्तो के साथ मकान मालिक व किरायेदार के हस्ताक्षर कुछ गवाहों के सामने होते हैं| इस किरायेनामे की कोई वैधानिक मान्यता नहीं हैं यह केवल दो व्यक्तियों के मध्य हुए करार को दर्शाता हैं| इसलिए सरकारी एजेंसिया इस प्रकार के करार को मान्यता नहीं देती हैं|

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