आपको यह जानकार प्रसन्नता होगी की आज उत्तराखंडी लाटे ने लोकप्रियता में दुग्गल साहब को बहुत पीछे छोड़ दिया हैं| पिछले दिनों लाटे के आदेशो और उसे शाम तक वापिस ले लेने कारण उन्हें लोकप्रियता के चरम पर पहुचा दिया था व अब प्रवासियों की सुविधा के बनायीं गयी वेबसाइट ने उन्हें दुग्गल साहब से ज्यादा लोकप्रिय कर दिया हैं| लोगो ने पहाड़ी दुग्गल साहब को अनगिनत उपलब्धिया दी हैं जो पृष्ठ के सबसे नीचे दी गयी हैं|
उत्तराखंड की लाटी सरकार व नुमाइंदो के लाटेपने के कारण राज्य सरकार व उत्तराखंड की साख को ठेस पहुंच रही हैं| लेकिन सरकार हैं की अपने लाटेपने से बाज ही नहीं आ रही हैं|
ताजा वाक्या सरकार द्वारा प्रवासी नागरिको को लाने के लिए एक वेबसाइट को लांच करने के सम्बन्ध में हैं| केंद्र सरकार के स्पष्ट आदेश हैं की कोई भी सरकारी वेबसाइट अगर बनेगी तो केवल और केवल .gov.in पर ही बनेगी व साथ ही साथ डेटा की सुरक्षा के लिए सभी सर्वर भारत में ही होने चाहिए व लांच करने पर उसे SSL सर्टिफिकेट के साथ लांच करना चाहिए ताकि वेबसाइट की विश्वसनीय व डेटा की सुरक्षा हो सके।
उत्तराखंड राज्य सरकार करोडो रूपये NIC पर खर्च कर रही हैं व हर विभाग में NIC के अनगिनत लोग लगे हुए हैं ताकि सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बंधित कार्यो को निपुणता के साथ किया जा सके। लेकिन इतने अनुभवी लोगो के होने के बावजूद भी राज्य की लाटी सरकार ने एक निजी कंपनी को प्रवासी उत्तराखंडी लोगो को लाने के लिए एक वेबसाइट बनांने का ठेका दे दिया और यह बिना मिलीभगत के संभव ही नहीं हैं।
सुबह सुबह लाट साहब का एक सन्देश ट्विटर पर आता हैं की जो प्रवासी उत्तराखंडी प्रदेश में वापस आना चाहते हैं तो वो http://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह सन्देश जल्द ही वायरल हो गया और लोग इसपर हिट करने लगे लेकिन साइट थी जो खुल ही नहीं रही थी तो इसपर बयान आया की लोड ज्यादा होने के कारण यह वेबसाइट धीरे धीरे खुल रही हैं। जब उसके बाद लोगो ने लाटे के ट्विटर अकाउंट पर तीखी प्रतिक्रिया देनी शुरू करी तब जाकर लाटे को समझ आया की उनके कारिंदो ने उनके साथ क्या कारिस्तानी की हैं। जब पूछताछ हुई तो कारिंदो ने लाटे को एक नया पता दिया जो उन्होंने सुबह 10 :30 पर ट्विटर पर अवतरित किया जो की पहले की तरह ही काम नहीं कर रहा था| जो की यह था https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php.
इतना सब कुछ होने के बाद भी वेबसाइट थी जो खुल ही नहीं रही थी और सरकार के नुमाइंदे लाटे को समझा रहे थे की ज्यादा लोड होने के कारण वेबसाइट खुल नहीं रही हैं और हमारा लाटा भी खुश की लोग सरकार पर कितना विश्वास करते हैं और उत्तराखंड में वापिस आना चाहते है। लाटे को लगा की हमारी वेबसाइट भी फ्लिपकार्ट व अमेजन की तरह जयादा लोड होने के कारण डाउन हो गयी हैं।
जनपक्ष ने शाम को जब इस मुद्दे को समझने की कोशिश करी तो पाया की जो वेबसाइट का पता लाटाधीश सुबह से बांचता फिर रहा हैं वो वेबसाइट तो मौजूद ही नहीं हैं क्योकि उसका असल लिंक तो http://dsclservices.org.in/uttarakhand-migrant-registration.php था। शाम को हमने इस विषय में NIC दिल्ली के उच्चाधिकारियों से बात की तो पता लगा की देहरादून स्मार्ट सिटी वाले इस प्रोजेक्ट को देख रहे हैं व सभी कार्य उन्ही की देख रेख में हो रहे थे। हमने जब उन्हें सारी बाते बतायी तो उन्होंने प्रोजेक्ट वालो से बात की तो प्रोजेक्ट वालो ने https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php को http://dsclservices.org.in/uttarakhand-migrant-registration.php पर भेज दिया जो की कल ही रजिस्टर हुआ हैं। सरकार की इसी नौसिखियेपन पाने के कारण लोग डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार होते हैं क्योकि सरकार को सिर्फ और सिर्फ .gov.in का ही प्रयोग करना चाहिए।
रात में जब हमने इस वेबसाइट को चेक किया तो अपना सर पकड़ लिया क्योकि https:// जो की सुरक्षित माना जाता हैं उसे http:// पर भेजा जा रहा था जो की असुरक्षित था व इससे लोगो के डेटा चोरी होने का ख़तरा बढ़ गया था। अभी भी उत्तराखंड प्रवासियों के लिए बनी हुई वेबसाइट सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं हैं|
आज लाटे के इन्ही क्रियाकलापों के कारण वो इतनी गंभीरता से नहीं लिए जाते हैं और यही कारण हैं की उन्हें अपने ज्यादातर आदेशों को 24 घंटे के अंदर ही अंदर वापिस लेने पड़ते हैं। कल उनके प्रवासी लोगो के वापिस लाने की घोषणा होने के बाद एक यूजर ने तो यह तक कह दिया की ” माँ कसम खाकर कहो की आदेश वापिस नहीं लोगे” ।
इस खबर में लेखक ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को उनके क्रियाकलापों के कारण लाटा कहा हैं।
इस खबर में दुग्गल साहब बॉलीवुड की चर्चित फिल्म मुझसे शादी करोगी के एक पात्र हैं जो अपनी पुरानी चोट के कारण रोज एक नए पात्र के रूप में सामने आते थे व उनके जीवंत चरित्र के कारण ही लोग विशेष प्रकार के लोगो को दुग्गल साहब के नाम से सम्बोधित करते हैं।
इस खबर का लेखक भी बांकेलाल से कम नहीं हैं जो उनके क्रियाकलापो के कारण अपने आपको लिखने से रोक नहीं पाता हैं। यंहा क्लिक कर लेखक के विषय में जानिये।