उत्तराखंड मे धामी राज मे कमीशनखोरी अपने चरम पर हैं व अधिकारियों का मौन समर्थन दर्शाता हैं की यह खेल ऐसे ही नहीं चल रहा हैं व इसको नेताओ का खुला समर्थन हैं। ताजा मामला नलकूप विभाग से संबन्धित हैं जंहा 6 घंटे मे होने वाला काम आज 10 दोनों बाद भी लंबित पड़ा हैं जबकि इस विषय को Whaatsaap द्वारा सचिव सिचाई व EinC को भी बताया जा चुका हैं।
वर्तमान मे हल्दुचौर जग्गी का एक नलकूप पिछले 3 माह से लीक कर रहा था व इस विषय पर संबन्धित अधिकारियो को स्थानीय किसानो द्वारा कई बार बताया जा चुका था व कुछ दिन पूर्व जनपक्ष के हस्तक्षेप के बाद सरकारी तंत्र हरकत मे आया पर आज 10 दिन बीत जाने के बाद भी उस नलकूप से एक बूंद पानी खेतो तक नहीं जा पाया हैं जबकि गन्ने की बुआई का समय हैं व इसके बिना फसल चौपट हो जाएगी।
गाव के किसान परेशान हैं क्योकि उनके अनुसार पहले पानी का केवल रिसाव हो रहा था लेकिन खेतो मे सिचाई के लिए पानी जा तो रहा था पर मरम्मत के नाम पर नलकूप लगभग 10 दोनों से ठप्प पड़ा हैं व गन्ना बुआई व सिचाई के लिए इसका चलना अति आवश्यक है।
हमारी टीम द्वारा इस विषय पर जब व्यापक पड़ताल की गई व विशेषज्ञो को स्थान का मुआयना कराया गया तो पाया गया की यह केवल एक लीकेज की समस्या थी व इसपर ज्यादा से ज्यादा आधे दिन का काम था जबकि ठेकेदार ने इसको खोदने के नाम पर ही तीन दिन लगा दिये व जब अभियंता नितिन कुमार से पूछा गया तो उन्होने बताया की कोई जोशी ठेकेदार हैं उनके घर मे वार्षिक श्राद्ध हैं तो सभी लेबर व कर्मचारी वनही गए हैं।
यह बात समझ से विपरीत थी की अभियंता टहकेदारों की चाकरी कर रहे हैं या लोगो के लिए काम। जब हमने उनसे पूछा की आप सरकारी कर्मचारी हैं या ठेकेदार दे आदमी तो उन्होने 12 बजे लेबर की व्यवस्था की व वह लेबर 1 बजे खाना खाने चली गई जो दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर हमारे हस्तक्षेप के बाद आयी व दो चार बीड़ी फूककर शाम 5 बजे वापिस चली गई।
लगातार 10 दोनों से यही काम हो रहा हैं लेबर 12 बजे आती हैं 1 बजे जाती हैं व चार बजे आकर 5 बजे छुट्टी हो गए कहकर जा रही हैं जबकि क्षेत्रीय अभियंताओ का कुछ पता नहीं हैं।
आप जानकार आश्चर्यचकित होने की यह नलकूप लालकुआ विधायक मोहन सिंह बिष्ट के घर के ठीक सामने लगा हैं व इस बात से सभी अधिकारी भी परिचित हैं लेकिन कमीशाखोरी ने सभी की आंखो पर पट्टी बांधी हुई हैं क्योकि संरक्षण सीधा सुप्रीमो द्वारा दिया जा रहा हैं।
हम यह बात यू ही नहीं कह रहे हैं सभी को मालूम हैं की जिले मे नलकूपो के क्या हालात हैं। यंहा मुर्गी से ज्यादा मसालो मे पैसा खर्च हो रहा हैं व इसी कमीशनखोरी के चलते हल्द्वानी मे आए दिन नलकूप खराब होते जा रहे हैं व मजाल हैं की कोई अधिकारी पूछ ले की नलकूप इतनी जल्दी जल्दी क्यो खराब हो रहे हैं।
पिछले ही दिनो एक प्रतिष्ठित अखबार द्वारा एक समाचार प्रकाशित किया गया था की कैसे नलकूपो की कीमत से ज्यादा उसकी मरम्मत मे करोड़ो रुपया खर्च हो चुका हैं। क्या सरकार व उनसे अधिकारियों को यह सब दिखाई नहीं दे रहा होगा?
उत्तरखंड मे भाजपा सरकार मे यह आम बात हैं क्योकि हरीश रावत सरकार के समय मे हल्द्वानी मे जल संस्थान के द्वारा बनाए गए 20 ओवर हैड टेंकों मे भी जमकर घपला हुआ था व भाजपा के लाटे त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सत्ता मे आते ही उसपर एक जांच बैठाई गई थी जिसकी फ़ाइल बाद मे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दबा दी गई क्योकि ठेकेदार द्वारा उसकी भरपाई कर दी गई थी। मजे की बात तो देखिये की वो टेंक आजतक उपयोग मे नहीं आए।
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